नेपाल में सात ताजा झटके, 136 मरे
नेपाल सेना की बचाव टीम ने यूएस मरीन कोर यूएच-1 के मलबे खड़े पर्वतीय ढाल पर कल पाए। यह हेलिकाॅप्टर मंगलवार से सिंधुपालचौक जिले में गोरथली गांव के इलाके और दूरदराज के क्षेत्र में लापता हो गया था, जब दूसरा जोरदार झटका आया था। नेपाल सेना ने बताया कि वियतनाम युद्ध काल के हेलिकाॅप्टर के हिस्से करीब 11,200 फुट की ऊंचाई पर बिखरे हुए पाए गए। दुर्घटना स्थल से भी आठ शव बरामद किए गए हैं, ये सभी झुलसे हुए हैं और इनकी पहचान नहीं हो पाई हैं। नेपाल सेना के प्रवक्ता जगदीश पोखरियाल ने बताया कि शवों को जल्द ही काठमांडू भेज दिया जाएगा।
हेलिकाॅप्टर पर नेपाल सेना के दो कर्मी और छह अमेरिकी मरीन सवार थे। ये लोग चरीकोट और दोलाखा जिलों में राहत अभियान के लिए जा रहे थे। ये दोनों जिले भूकंप से सर्वाधिक प्रभावित हैं। लापता हुए हेलिकाॅप्टर की तलाश में अमेरिकी और नेपाली सैन्य विमान तथा अमेरिकी उपग्रह के अलावा सैकड़ों अमेरिकी एवं नेपाली सैनिक लगे हुए थे। अमेरिकी और नेपाली सेना, दोनों ही मौके पर पहुंच गए। हालांकि दुर्घटना की असली वजह का पता नहीं चल पाया है।
अमेरिका प्रशांत कमान के कमांडर एडमिरल सैमुअल जे लाॅकलियर ने बताया, हमारे राष्ट और नेपाल के आठ बहादुर लोगों की जान जाने को लेकर हम एकजुट होकर शोक मना रहे हैं। हमारी विचार एवं सहानुभूति परिवारांे के साथ है।
बयान के मुताबिक इस सिलसिले में जांच कार्य जारी है। कुछ खबरांे के मुताबिक चालक दल के सदस्यों को रेडियो पर यह कहते सुना गया कि विमान में ईंधन की समस्या है। ईकांतिपुर डाॅट काॅम के मुताबिक शुरुआती खबरों से संकेत मिलता है कि हेलिकाॅप्टर का कैप्टन बहुत ऊंचाई पर इसे उड़ा रहा था। खबर में एक विमानन विशेषज्ञ के हवाले से भी बताया गया है कि हमें आश्चर्य है कि हेलीकाॅप्टर 11,200 फुट की उंचाई पर दुर्घटनाग्रस्त हुआ जबकि तलाश एवं बचाव मिशन आम तौर पर जमीन से 600 फुट की उंचाई पर किया जाता है। इस बीच, काठमांडू के पास आज सुबह करीब रिक्टर पैमाने पर करीब चार की तीव्रता वाले भूकंप के सात हल्के भुाटके महसूस किए गए। मंगलवार को 7. 3 की तीव्रता से आए भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर 136 और घायलों की संख्या बढ़कर 2,956 हो गई है। गौरतलब है कि 8,400 से अधिक लोगांे की जान लेने वाले 25 अप्रैल को आए जबरदस्त भूकंप के बाद 230 से अधिक झटके महसूस किए गए हैं।