पाक से वार्ता पठानकोट हमले में उसकी कार्रवाई पर निर्भर: भारत
इस्लामाबाद में 15 जनवरी को विदेश सचिव एस जयशंकर और उनके पाकिस्तानी समकक्ष एजाज अहमद चौधरी के बीच प्रस्तावित बातचीत पर अनिश्चितता के बादल पठानकोट हमले के बाद से मंडरा रहे हैं। इस हमले के तार पाकिस्तान से जुड़े हैं। ऐसी अटकलें है कि इस बातचीत को स्थगित किया जा सकता है और उससे पहले दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मिल सकते हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप से दोनों देशों के बीच विदेश सचिव स्तर की वार्ता के संबंध में पूचे जाने पर उन्होंने इस बारे में स्पष्ट नहीं किया कि प्रस्तावित बातचीत तय कार्यक्रम के अनुसार होगी या फिर इसे स्थगित कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा, आज 7 जनवरी है और 15 जनवरी में अभी आठ दिन का समय है। कार्रवाई करने को लेकर पाकिस्तान के लिए कोई समयसीमा तय किए बिना स्वरूप ने कहा, पठानकोट वायुसेना अड्डे पर आतंकी हमले ने एक बार फिर से सीमा पार आतंकवाद से पैदा हुई चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित कराया है। उन्होंने कहा, जहां तक हमारा सवाल है तो अब गेंद पाकिस्तान के पाले में है। हमारे सामने तात्कालिक मुद्दा आतंकवादी हमले को लेकर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया है और उसे कार्रवाई करने योग्य सबूत मुहैया कराए गए हैं।
पीएम नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ के बीच फोन पर हुई हालिया बातचीत का हवाला देते हुए स्वरूप ने कहा, उस बातचीत के दौरान हमारे प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से बहुत मजबूती के साथ कार्रवाई का आग्रह किया। उन्होंने कहा, आतंकवादी हमले के संदर्भ में कार्रवाई करने योग्य खुफिया जानकारी और पाकिस्तान में साजिशकर्ताओं से इसके तार जुड़े होने का सबूत पाकिस्तानी पक्ष को दिया गया है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने त्वरित और निर्णायक कार्रवाई का वादा किया है। अब हमें उस त्वरित और निर्णायक कार्रवाई का इंतजार है। समयसीमा पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, हम कोई समयसीमा नहीं दे रहे है। इसके साथ ही त्वरित का मतलब त्वरित होता है और हम इस शब्द की आम व्याख्या के साथ जाएंगे। उन्होंने इस दलील को खारिज कर दिया कि भारत की मांग से बातचीत प्रभावित होगी। उन्होंने सरकार की पाकिस्तान नीति में निरंतरता नहीं होने की बातों को खारिज करते हुए कहा कि भारत की पाकिस्तान नीति स्पष्ट और सतत है तथा वह पाकिस्तान सहित सभी पड़ोसी देशों के साथ मित्रवत संबंध रखना चाहेगा, लेकिन सीमा पार से होने वाले आतंकी हमलों को बर्दाश्त नहीं करेगा। स्वरूप ने कहा कि पिछले महीने मोदी की लाहौर यात्रा से सकारात्मक माहौल बना है, लेकिन अब वे आतंकवादी हमले से पैदा हुई स्थिति का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत चाहेगा कि पाकिस्तान पठानकोट हमले के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करे।
यह पूछे जाने पर मोदी इस साल मार्च में वाशिंगटन में परमाणु शिखर बैठक से इतर शरीफ से मुलाकात करेंगे तो स्वरूप ने कोई सीधा जवाब न देते हुए कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री को इस कार्यक्रम के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आमंत्रित किया है और मोदी के इसमें भाग लेने के बारे में फैसला अभी नहीं हुआ है। ओबामा ने 31 मार्च से एक अप्रैल तक चलने वाली परमाणु सुरक्षा शिखर बैठक में शामिल होने के लिए मोदी और शरीफ दोनों को आमंत्रित किया है।