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29 May 2016

परमाणु बम के विरोधी जनरल जिया उल हक का मानना था कि इसमें होगा सैन्य हस्तक्षेप

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कादिर खान पहले परमाणु परीक्षण की वर्षगांठ पर सभा को संबोधित कर रहे थे। पाकिस्‍तान में  1998 में इनकी देखरेख में यह परीक्षण किया गया था। खान ने कहा 'हम सक्षम थे और हमने 1984 में परमाणु परीक्षण  करने की योजना बनाई थी। लेकिन राष्ट्रपति जनरल जिया उल हक ने इस कदम का विरोध किया था'। उन्होंने कहा कि जनरल जिया ने 1979 से 1988 तक पाकिस्तान पर शासन किया और वह परमाणु परीक्षण के विरोधी थे, क्योंकि उनका मानना था कि दुनिया सैन्य तरीके से इसमें हस्तक्षेप करेगी।
खान को 2004 में बदनामी का सामना करना पड़ा था जब उन्हें यह स्वीकार करना पड़ा कि वह परमाणु प्रसार में संलिप्त हैं और वह लगभग नजरबंद की जिंदगी जी रहे थे। उन्होंने इस व्यवहार पर दुख जताया और कहा कि उनकी सेवाओं के बगैर पाकिस्तान कभी भी इस उपलब्धि को हासिल करने वाला पहला मुस्लिम देश नहीं बनता। खुद के साथ हुए व्यवहार का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि देश के परमाणु कार्यक्रम के लिए अपनी सेवाओं की खातिर हम सबसे खरा बर्ताव का सामना कर रहे हैं।

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TAGS: पाकिस्तान, परमाणु कार्यक्रम, डॉ.अब्दुल कादिर खान, जनरल जिया उल हक, भारत, दिल्ली, pakistan, kadir khan, atom test, jiya ul haq, india
OUTLOOK 29 May, 2016
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