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17 November 2019

श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव में चीन समर्थक माने जाने वाले दल के गोटाबाया राजपक्ष जीते

युद्धकाल के दौरान श्रीलंका के विवादास्पद रक्षा मंत्री रहे गोटाबाया राजपक्ष ने राष्ट्रपति का चुनाव जीत लिया है। भारत के लिए चिंता की बात यह है कि एक बार फिर श्रीलंका की सत्ता में चीन समर्थक छवि वाले ताकतवर राजपक्ष परिवार की वापसी हो गई है। उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजपक्ष को जीत के लिए बधाई दी है।

सत्ताधारी प्रेमदास को 13 लाख वोटों से हराया

अधिकारिक चुनाव नतीजों के अनुसार राष्ट्रपति चुनाव में राजपक्ष को 52.25 फीसदी (6924,255) वोट मिले जबकि सत्तारूढ़ न्यू डेमोक्रेटिक फ्रंट (एनडीएफ) के प्रत्याशी साजित प्रेमदास को 41.99 फीसदी वोट मिले। उन्होंने प्रेमदास को 13 लाख से ज्यादा वोटों से हराया।  अन्य उम्मीदवारों को 5.76 फीसदी वोट मिले।  

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मानवाधिकार उल्लंघन के लिए विवादों में रहे

राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेना के उत्तराधिकारी बने 70 वर्षीय राजपक्ष ने अपने समर्थकों से शांतिपूर्वक तरीके से जीत मनाने की अपील की। गोटाबाया राजपक्ष पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्ष के छोटे भाई हैं। राजपक्ष करीब दस पहले तक चले गृहयुद्ध के दौरान रक्षा मंत्री रहे थे और उन पर मानवाधिकार उल्लंघन के गंभीर आरोप लगे थे। वह इस बार चुनाव में श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बने थे।

चीन समर्थक मानी जाती है राजपक्ष की पार्टी

एसएलपीपी चीन समर्थक रुख के लिए जानी जाती है। सिरिसेना के एनडीएफ के सत्ता में आने के बाद चीन का दबदबा इस द्वीप देश में थोड़ा कम हुआ था। लेकिन एसएलपीपी का सत्ता में आना भारत के लिए चिंता का विषय हो सकता है।

52 वर्षीय प्रेमदास ने निर्वाचन सचिवालय द्वारा आधिकारिक रूप से नतीजों की घोषणा किए जाने से पहले ही अपनी हार स्वीकार कर ली। उन्होंने सत्ताधारी यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) के उप नेता के तौर पर इस्तीफा दे दिया।

मोदी ने बधाई दी तो राजपक्ष ने आभार जताया

राष्ट्रपति चुने जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके उन्हें बधाई दी। इस पर राजपक्ष ने आभार जताया। उन्होंने कहा कि भारत और श्रीलंका इतिहास और समान मान्यताओं के सूत्र में बंधे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों देशों के बीच जल्दी ही दोस्ती और मजबूत होगी।

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TAGS: Gotabaya Rajapaksa, Sri Lankan presidential election, Maithripala Sirisena, Sajith Premadasa
OUTLOOK 17 November, 2019
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