पहली बार हाफिज सईद की जुमे की तकरीर पर लगी रोक, मुख्यालय में नहीं मिल पाएगी एंट्री
मुंबई हमले के मास्टरमाइंड आतंकी हाफिज सईद के पाकिस्तान में जुमे की तकरीर देने पर रोक लगा दी गई है। पाकिस्तान के पंजाब सूबे की सरकार ने हाफिज के आतंकी संगठन जमात-उद-दावा के लाहौर स्थित मुख्यालय को अपने कब्जे में ले लिया है। बीते कुछ सालों में यह शायद पहला मौका होगा, जब लाहौर में मौजूद रहने के बाद भी हाफिज सईद जुमे पर जामिया मस्जिद कदसिया में तकरीर नहीं दे पाएगा।
यह मस्जिद ही जमात-उद-दावा का मुख्यालय है। पाकिस्तान के पंजाब की सरकार ने गुरुवार को जमात-उद-दावा और उसके मुखौटा संगठन फलाह-ए-इनसानियत के दफ्तरों पर कब्जा कर लिया है।
हाफिज को कभी भी मस्जिद में तकरीर देने से नहीं रोका गया था
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, हाफिज सईद को उस दौर में भी कभी मस्जिद में तकरीर देने से नहीं रोका गया था, जब उसे पंजाब सरकार ने अपने नियंत्रण में ले लिया था। पाकिस्तानी पंजाब की सरकार के एक सीनियर अधिकारी ने बताया, 'पंजाब पुलिस ने जामिया मस्जिद कदसिया को सील कर दिया है। ऐसे में हाफिज सईद को जुमे पर साप्ताहिक तकरीर के लिए एंट्री नहीं करने दिया जाएगा।' सईद ने पंजाब सरकार से अनुमति मांगी थी कि उसे शुक्रवार को मस्जिद में तकरीर देने दिया जाए, लेकिन उसकी मांग को खारिज कर दिया गया।
182 मदरसों को पाक सरकार ने कब्जे में लिया
इससे पहले पाकिस्तान सरकार ने बताया कि उसने 182 मदरसों को अपने नियंत्रण में ले लिया है और प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 100 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है। हालांकि पाकिस्तान के आतंरिक मंत्रालय ने कहा कि आतंकियों के खिलाफ यह कार्रवाई पहले से निर्धारित योजना के तहत की गई है। हाल ही में भारत की ओर से पाकिस्तान पर आतंकवाद से न निपट पाने के आरोप और दबाव के चलते ऐसा नहीं किया है।
जमात-उद-दावा और इसकी शाखा पर पाक की कार्रवाई
पाकिस्तान ने मुंबई आतंकवादी हमले के सरगना हाफिज सईद के नेतृत्व वाले जमात-उद-दावा और इसकी शाखा फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) से जुड़े कई मदरसों और उनकी संपत्ति को अपने कब्जे में ले लिया। मंगलवार को पाकिस्तान ने जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन को औपचारिक रूप से प्रतिबंधित सूची में डाला था जिसके बाद इन प्रतिबंधित संगठनों की संपत्ति को कब्जे में ले लिया गया। गृहमंत्रालय ने राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक कानून 1997 के तहत जिन 70 संगठनों को प्रतिबंधित किया है उस संशोधित सूची में जमात और एफआईएफ भी हैं।
लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन है जमात
जमात को लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन माना जाता है। लश्कर मुंबई हमले के लिये जिम्मेदार है, जिसमें 166 लोग मारे गये थे। अमेरिका ने जून 2014 में उसे विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया था। अमेरिका के वित्त विभाग ने इसके प्रमुख सईद को 2012 से ही विशेष तौर पर घोषित वैश्विक आतंकवादी की सूची में डाल रखा है और उस पर एक करोड़ डॉलर का इनाम रखा है। सईद को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव 1267 में दिसंबर 2008 में सूचीबद्ध किया गया था। नवंबर 2017 में उसे पाकिस्तान में नजरबंदी से रिहा कर दिया गया था।