भारत का पाक को जवाब, आतंक पर वार्ता को तैयार लेकिन कश्मीर पर नहीं
पाकिस्तान के विदेश सचिव एजाज अहमद चौधरी के निमंत्रण का जवाब देते हुए भारतीय विदेश सचिव एस जयशंकर ने इस्लामाबाद जाने की अपनी इच्छा जाहिर की लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को जम्मू कश्मीर के हालात के किसी भी पहलू पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है जो कि भारत का आंतरिक मसला है। उन्होंने कहा कि इस मामले में वह केवल इतना कर सकता है कि वह सीमा पार से जारी आतंकवाद और घुसपैठ को बंद करे। इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त गौतम बाम्बावाले ने इस जवाब को पाकिस्तान को सौंप दिया। सूत्रों के अनुसार भारत के जवाब में कहा गया है, चूंकि सीमा पार से जारी आतंकवाद जम्मू कश्मीर के मौजूदा हालात की जड़ में है, हम प्रस्ताव करते हैं कि विदेश सचिवों के बीच विचार विमर्श इस पर केंद्रित होना चाहिए।
पाकिस्तान ने सोमवार को भारत को कश्मीर पर चर्चा के लिए आमंत्रित करते हुए कहा था कि इस मुद्दे को सुलझाना दोनों देशों की अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारी है। यह आमंत्रण दोनों देशों के बीच संबंधों में जारी तनाव के मध्य दिया गया था। पिछले सप्ताह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज के निमंत्रण संबंधी बयान पर प्रतिक्रिया में भारत ने यह स्पष्ट कर दिया था कि वह भारत-पाक संबंधों में समकालीन और प्रासंगिक मुद्दों पर बात करेगा और इस बार इसमें पाक समर्थित सीमा पार से जारी आतंकवाद को रोकना भी शामिल है। इस बार भारत ने सीमा पार से जारी आतंकवाद को पाकिस्तान के समर्थन को रोकने तथा बहादुर अली जैसे आतंकवादियों की घुसपैठ को रोकने के मुद्दों को शामिल किया है। हिंसा तथा सीमा पार से आतंकवाद को भड़काने, हाफिज सईद और सैयद सलाहुद्दीन जैसे अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों की परेड तथा मुंबई आतंकी हमले एवं पठानकोट हमले की पाकिस्तान में जांच को ईमानदारी से आगे बढ़ाना इसमें शामिल है।
कश्मीर में हालात को लेकर इस्लामाबाद की बयानबाजी के चलते भारत और पाकिस्तान के बीच वाकयुद्ध जारी है। हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के पिछले महीने मारे जाने के बाद से ही घाटी में अशांति है। वानी को पाकिस्तान ने शहीद बताया था और वह कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने का भी प्रयास कर चुका है जबकि भारत लगातार यह कह रहा है कि घाटी में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद समस्या की मूल जड़ है।