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06 June 2015

भूमि समझौताः भारत-बांग्लादेश ने इतिहास रचा

पीटीआइ

दोनों पक्षों ने मोदी और बांग्लादेश की उनकी समकक्ष शेख हसीना तथा पश्चिम बंगाल की मु़ख्यमंत्री ममता बनर्जी की उपस्थिति में भूमि सीमा समझौते (एलबीए) से जुड़े दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया जिसे पिछले महीने भारत की संसद ने सर्वसम्मति से पारित किया था। मोदी ने ट्वीट किया,  भूमि सीमा समझौते को मंजूरी प्रदान करने के दस्तावेजों के आदान-प्रदान से इतिहास रचा गया।

 

दोनों देशों के बीच दस्तावेजों के आदान-प्रदान से 1974 में भारत और बांग्लादेश के बीच हुए एलबीए को लागू करने का मार्ग प्रशस्त हुआ जिसके तहत दोनों देशों के बीच भूमि के 161 टुकड़ों का आदान-प्रदान किया जाएगा। बांग्लादेश को 111 सीमाई क्षेत्र हस्तांतरित किए जाएंगे जबकि 51 क्षेत्र भारत का हिस्सा बनेंगे। अपनी बांग्लादेश यात्रा से पहले मोदी ने कहा था कि यह समझौता भारत और बांग्लादेश के संबंधों के लिए एक ऐतिहासिक घटना बनेगा। इस समझौते के तहत भारत को 500 एकड़ भूमि प्राप्त होगी जबकि बांग्लादेश को 10 हजार एकड़ जमीन मिलेगी। इस समझौते से 50 हजार लोगों की नागरिकता का सवाल भी सुलझ जाएगा। भारत और बांग्लादेश के बीच 4,096 किलोमीटर लंबी सीमा है और यह मुद्दा दोनों देशों के संबंधों में एक बड़ी अड़चन बना हुआ था।

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दो बस सेवाओं को भी हरी झंडी दिखाई

 

भारत और बांग्लादेश के बीच कनेक्टिविटी को और बढ़ावा देने की पहल के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बांग्लादेश की उनकी समकक्ष शेख हसीना और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को हरी झंडी दिखाकर दो बस सेवाओं की शुरुआत की। ये बस सेवाएं कोलकाता-ढाका-अगरतला और ढाका-शिलांग-गुवाहाटी के बीच चलेंगी और इनके माध्यम से पश्चिम बंगाल को बांग्लादेश की राजधानी ढाका होते हुए भारत के पूर्वोत्तर के तीन राज्यों के साथ जोड़ा जाएगा। अपनी बांग्लादेश यात्रा के पहले दिन मोदी ने बस सेवाओं को हरी झंडी दिखाने के समारोह के दौरान शेख हसीना को अगरतला-ढाका-कोलकाता सेवा का पहला सांकेतिक टिकट सौंपा और इसी तरह से बांग्लादेशी प्रधानमंत्री ने ढाका-शिलांग-गुवाहाटी सेवा का पहला सांकेतिक टिकट मोदी को सौंपा। ममता बनर्जी ने हसीना को कोलकाता-ढाका-अगरतला सेवा का सांकेतिक टिकट सौंपा। इन बस सेवाओं का मकसद पड़ोसी देशों के बीच संपर्क बढ़ाकर यहां के लोगों के बीच संपर्क को बेहतर बनाना है।

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TAGS: भारत, बांग्लादेश, नरेंद्र मोदी, शेख हसीना, भूमि सीमा समझौता, एलबीए, जमीन आदान-प्रदान, India, Bangladesh, Narendra Modi, Sheikh Hasina, the land boundary agreement, LBA, land exchanges
OUTLOOK 06 June, 2015
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