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06 May 2015

नेपाल के पुर्ननिर्माण के लिए प्रतिबद्ध है भारत

एपी

संयुक्त राष्ट्र में स्थायी उप प्रतिनिधि भगवंत बिश्नोई ने मंगलवार को कहा कि भारत द्वारा किया गया सारा राहत एवं बचाव कार्य नेपाली सरकार के साथ सलाह एवं तालमेल करते हुए किया गया। उन्होंने कहा कि भारत नेपाल में संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों के साथ भी करीबी तौर पर जुड़ा है। नेपाल में भूकंप के बाद की स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए बिश्नोई ने संयुक्त राष्ट्र सचिवालय द्वारा आयोजित चर्चा में कहा, अब चूंकि खोज और बचाव वाला चरण पूरा हो चुका है, ऐसे में हमारी प्रतिबद्धता अब नेपाल की सरकार और जनता के साथ पुर्नवास और पुर्ननिर्माण के लिए साझेदारी करने की है।

नेपाल के लोगों के प्रति अपनी संवेदनाएं जाहिर करते हुए बिश्नोई ने कहा कि नागरिकों ने उस स्थिति का सामना साहस के साथ किया। बिश्नोई ने कहा, यह उनमें मौजूद चेतन शक्ति को दिखाता है। हमारी संवेदनाएं नेपाल के लोगों के साथ हैं। हम इतिहास और सीमा (एक मुक्त सीमा) के जरिय उनसे जुड़े हुए हैं। मुक्त सीमा होना अपने आप में बहुत कुछ बयां करता है। आज दुख में भी भारत और नेपाल एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। भारत ने नेपाल में आए 7.9 तीव्रता के भूकंप के बाद तत्काल राहत और बचाव कार्य करने के लिए 25 अप्रैल को ऑपरेशन मैत्री की शुरूआत की थी।

इस भूकंप में 7,000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें 41 भारतीय शामिल हैं। बिश्नोई ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूकंप आने के कुछ ही समय बाद नेपाल के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से बात की थी। बिश्नोई ने संयुक्त राष्ट्र को बताया कि भूकंप आने के छह घंटे के भीतर भारत का पहला विमान काठमांडो में उतर चुका था और लगातार सी-17 ग्लोब मास्टर, आईएल-76 और सी-130 विमानों की उड़ानें चलती रहीं। भारत ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के 16 दल भी तैनात किए थे। हर दल में 50 प्रशिक्षित कर्मी थे।

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अब तक भारत द्वारा उपलब्ध कराए गए राहत सहयोग में 95 टन भोजन के पैकेट, 94 टन पानी, 7.5 टन दवाएं, 3700 टैंट, एक लाख से ज्यादा कंबल, 600 तिरपाल और प्लास्टिक की 2000 शीट शामिल हैं। भारतीय सेना ने तीन फील्ड अस्पताल लगाए और वायुसेना ने एक रैपिड एक्शन टीम (त्वरित कार्यवाही दल) को तैनात किया। भारत ने चिकित्सा से जुड़ी 15 टन सामग्री, स्टेचर और ऑक्सीजन कंसन्टेटर उपलब्ध कराए और वह बिजली आपूर्ति की बहाली में भी मदद कर रहा है। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार अजित डोवाल और विदेश सचिव एस जयशंकर ने नेपाल की जरूरतों के अनुरूप भारत के सहयोग का तालमेल रखने के लिए एक मई को नेपाल का दौरा किया था।

बिश्नोई ने कहा कि वह भूकंप का केंद्र रहे बारपाक गांव भी गए और उन्होंने वहां काम कर रहे नेपाली और भारतीय दलों से मुलाकात की। नेपाल सरकार ने भूकंप के बाद के व्यापक अभियानों का प्रभार संभालते हुए अपनी सेना और पुलिस के हजारों जवानों को तैनात किया है और भारत एवं 33 अन्य देशों के बचाव दलों से कहा है कि वह देश से चले जाएं।

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OUTLOOK 06 May, 2015
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