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03 June 2015

गिलगित-बालतिस्तान चुनाव पर भारत का कड़ा एतराज

 

गिलगित और  बालतिस्तान में आठ जून को चुनाव कराने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भारत की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि ऐसा करके पाकिस्तान वहां अपने जबरन और अवैध कब्जे पर पर्दा डालने का प्रयास कर रहा है।

 

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विदेश मंत्रालय से जारी बयान में क्षेत्र के लोगों के उनके राजनीतिक अधिकारों से वंचित रखने और उन इलाकों को पाकिस्तान में मिलाने की लगातार कोशिश पर भी चिंता जताई। प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, ‘भारत का रुख स्पष्ट है। गिलगित और  बालतिस्तान क्षेत्र सहित समूचा जम्मू-कश्मीर राज्य भारत का अभिन्न अंग है। ‘गिलगित  बालतिस्तान इम्पावरमेंट एंड सेल्फ गवमेंट ऑर्डर’ के तहत गिलगित और  बालतिस्तान में आठ जून को हो रहा चुनाव पाकिस्तान द्वारा उन पर अपने जबरन और अवैध कब्जे को छद्म आवरण देने की कोशिश है।’

 

पाकिस्तान भारत के अधिकार के जम्मू-कश्मीर को भी अपना हिस्सा बताता है और  इसी तरह जम्मू-कश्मीर में भारतीय प्रशासन और वहां होने वाले चुनावों पर सवाल उठाता रहा है। इस मुद्दे पर आउटलुक से बात करते हुए भारतीय जनता पार्टी के महासचिव और जम्मू-कश्मीर के प्रभारी राम माधव ने कहा, ‘पाकिस्तान को जम्मू-कश्मीर की स्थिर सरकार रास नहीं आ रही है। उसकी यह कोशिश कभी कामयाब नहीं होगी कि वह गिलगित  बालतिस्तान को अपने में मिला सके।’

 

गिलगित बालतिस्तान में दूसरी बार चुनाव हो रहे हैं। पहली बार सन 2009 में चुनाव हुए थे। पहले इस क्षेत्र को पाकिस्तान में नॉर्दर्न एरिया कहा जाता था और इसका प्रशासन संघीय सरकार के तहत एक मंत्रालय चलाता था। लेकिन सन 2009 में पाकिस्तान की संघीय सरकार ने वहां एक स्वायत्त प्रांतीय व्यवस्था बना दी जिसके तहत मुखिया के रूप में मुख्यमंत्री सरकार चलाता है। यहां कुल 24 निर्वाचित सदस्य होते हैं। हालांकि विधायिका के पास नाममात्र के अधिकार हैं। 

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TAGS: gilgit baltistan election, pak occupied kashmir, vikas swaroop, ram madhav, विकास स्वरूप, राम माधव, गिलगित बालतिस्तान चुनाव
OUTLOOK 03 June, 2015
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