हुर्रियत से मुलाकात पर अड़ा पाक, एनएसए वार्ता पर संकट
भारत ने साफ तौर पर कह दिया है कि हुर्रियत नेताओं और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज के बीच बातचीत को स्वीकार नहीं किया जाएगा। लेकिन पाकिस्तान का कहना है कि हुर्रियत से बातचीत जारी है और वह भारत से पूछकर बातचीत नहीं करता। इससे पहले पाकिस्तान को स्पष्ट संकेत देते हुए कश्मीर के अलगाववादी नेताओं को कल कुछ देर के लिए नजरबंद करने के बाद रिहा कर दिया गया था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया कि भारत ने कल पाकिस्तान को मशविरा दिया था कि सरताज अजीज का भारत में हुर्रियत नुमाइंदों से मिलना उचित नहीं होगा। एेसी कोई बैठक आतंकवाद के खात्मे के लिए मिलकर काम करने के उफा संकल्प की भावना के अनुरूप नहीं होगी। इसके कुछ ही घंटे के भीतर पाकिस्तान के सरकारी सूत्राें ने भारत की स्थिति पर तीखी प्रतिक्रिया प्रकट करते हुए कहा, हुर्रियत के साथ बातचीत जारी है। इसके लिए पाकिस्तान भारत से आदेश नहीं लेगा। भारत-पाक वार्ता सशर्त कूटनीति पर आधारित नहीं है। पाकिस्तान ने भारत पर बातचीत से बचने का आरोप लगाते हुए कहा कि उसने अब तक अजीज-डोभाल बातचीत के एजेंडा और संबंधित इंतेजामात पर प्रस्ताव तक नहीं भेजा है। दोनो पक्षों के कठोर रूख के चलते बातचीत पर अनिश्चय की गर्द दिखाई देने लगी है, लेकिन किसी भी पक्ष ने अभी बातचीत से इंकार नहीं किया है।
दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच आतंकवाद से जुड़े मसलों पर पहली बार बातचीत के लिए 23 अगस्त को मुलाकात का कार्यक्रम है। रूस के उफा में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पाकिस्तान के उनके समकक्ष नवाज शरीफ के बीच पिछले महीने इस संबंध में फैसला हुआ था। लेकिन नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान के उच्चायुक्त ने सैयद अली शाह गिलानी और कश्मीर के अन्य अलगाववादी नेताओं को रविवार को अजीज से मुलाकात का न्यौता देकर भारत सरकार के लिए असहज स्थिति पैदा कर दी है। हालांकि पाकिस्तान इस बात पर अड़ा हुआ है कि इस तरह की मुलाकातें अकसर होती हैं।
इस्लामाबाद में पाकिस्तान का विदेश विभाग पहले ही कह चुका है कि हुर्रियत नेताओं के साथ विचार-विमर्श नियमित मामला है और लंबे समय से चला आ रहा है। लेकिन अहम दोनों देशों के बीच अहम वार्ता के वक्त हुर्रियत नेताओं को पाकिस्तान का न्यौता भारत को उकसाने की कोशिश के तौर पर देख रहा है। पिछले साल भारत ने दोनों देशों के बीच प्रस्तावित विदेश सचिव स्तर की बातचीत को रद्द कर दिया था क्योंकि तब भी पाकिस्तान के भारतीय उच्चायुक्त ने इस्लामाबाद में होने वाली इस बैठक से ठीक पहले कश्मीर के अलगाववादी नेताओं को बातचीत के लिए बुलाया था।