जानिए, चीन के वुहान शहर के बारे में जहां मिले जिनपिंग और मोदी
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो दिवसीय चीन यात्रा पर हैं। इस दौरान वे चीन के ऐतिहासिक शहर वुहान में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिले। इस मुलाकात के लिए वुहान शहर को चुने जाने को लेकर लोगों की जिज्ञासाएं हैं। वुहान से प्रकाशित होने वाले दैनिक समाचार पत्र 'द चैंगजिआंग डेली' का मानना है कि ये संकेत है कि वुहान शहर अब अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक कलापों के लिए एक ठिकाना बनता जा रहा है। आइए जानते हैं इस शहर के बारे में कुछ खास बातें...
3,500 साल के इतिहास के साथ, वुहान चीन के सबसे प्राचीन और सभ्य महानगरों में से एक है। इस शहर में सत्ताधारी कम्यूनिस्ट पार्टी का भी केन्द्र है। कम्यूनिस्ट पार्टी के संस्थापक माओ जेदोंग का निवास यहीं रहा है। 1949 से लेकर साल 1976 (निधन तक) तक माओ ने पार्टी की कमान संभाली थी।
माओ ने इसी शहर में 1949 में कम्युनिस्ट पार्टी की नींव रखी थी। इस शहर में मौजूद है उनके घर में जिनपिंग और मोदी के मिलने की बात कही जा रही है। मोदी ही नहीं ये शहर इससे पहले भी कई विदेशी नेताओं की मेजाबनी कर चुका है। 1972 में अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन भी यहां आ चुके हैं।
वुहान में चीन के सबसे बड़े म्यूजियमों में से एक इसी शहर में स्थित हैं। आपको बता दें कि मोदी भी वुहान के ऐतिहासिक म्यूजियम का दौरा किए। इसके अलावा ये झीलों के लिए भी प्रख्यात है, गौरतलब है कि मोदी भी खूबसूरत झील के किनारे डिनर में शामिल होंगे और नौका विहार करेंगे।