पीएम मोदी को अफगानिस्तान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान
पीएम मोदी की यात्रा में अफगान-भारत मैत्री बांध के उद्घाटन के बाद अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने मोदी को इस सम्मान से नवाजा। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने एक फोटो के साथ ट्वीट कर इसकी जानकारी देते हुए लिखा, ‘सच्चा भाईचारा सम्मानित। प्रधानमंत्री को अफगानिस्तान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान अमीर अमानुल्ला खान अवार्ड से सम्मनित किया गया।‘ मैत्री बांध के उद्घाटन के बाद ईरान की सीमा से सटे हेरात प्रांत के पश्चिमी भाग में स्थित चिश्त-ए-शरीफ में मोदी ने चिश्त में जन्मे सूफी संत ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती का जिक्र किया।
अपने भाषण में पीएम ने कहा, भारत में पहले चिश्ती संत, ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती, ने कहा है कि लोगों में सूरज जैसा स्नेह, नदी जैसी उदारता और धरती जैसी आतिथ्य की भावना होनी चाहिए। मोदी ने कहा, उनके दिमाग में सिर्फ अपने पैतृक स्थान की सुन्दर छवि ही नहीं थी, बल्कि वह अफगान लोगों की भी व्याख्या कर रहे थे। इसलिए, जब दिसंबर में मैं काबुल आया तो, आपके आतिथ्य में आपके दिलों का प्यार देखा। ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती राजस्थान के अजमेर में बस गए थे और वर्तमान में उनकी दरगाह पर हजारों की संख्या में लोग आते हैं। मोदी ने भाषण समाप्त करते हुए अफगानिस्तान के लोगों और पूरी दुनिया के मुसलमानों को पाक महीना रमजान की शुभकामना दी।
प्रधानमंत्री ने आज रणनीतिक लिहाज से महत्वपूर्ण हेरांत प्रांत में ऐतिहासिक बांध का उद्घाटन करने के बाद कहा कि भारत राजनीतिक और भौगोलिक बाधाओं के बावजूद और यहां उसके मिशन पर आतंकी हमलों के बावजूद युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान के हर हिस्से में सहयोग करेगा। मोदी ने आतंकवाद को खारिज करने के लिए अफगानिस्तान की जनता की तारीफ की और कहा कि उनके बीच विभाजन सिर्फ उन लोगों की मदद करेगा, जो इस देश पर बाहर से शासन चलाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, यह युद्ध अफगान निर्माण के लिए नहीं था, इसने तो अफगानों की पूरी एक पीढ़ी का भविष्य चुरा लिया। आज अफगानिस्तान के बहादुर लोग यह संदेश दे रहे हैं कि तबाही और मौत तथा निषेध और प्रभुत्व कायम नहीं रहेगा। मोदी ने कहा कि जब अफगानिस्तान आतंकवाद को हराने में सफल होगा, यह दुनिया ज्यादा सुरक्षित और खूबसूरत होगी।
पहले सलमा बांध के रूप में प्रसिद्ध अफगान-भारत मैत्री बांध को पश्चिमी हेरात जिले में 1700 करोड़ रूपये की लागत से बनाया गया है। इसका निर्माण भारत ने अफगानिस्तान के साथ विकास साझेदारी के तहत किया है। चिश्त ए शरीफ नदी के ऊपर बने इस बांध से 75 हजार हेक्टेयर भूमि को सिंचित किया जा सकेगा और साथ ही 42 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा सकेगा। अफगानिस्तान के साथ खड़ा रहने का संकल्प जताते हुए मोदी ने कहा कि भारत के सहयोग को इस युद्ध प्रभावित देश के हर हिस्से तक विस्तार दिया जाएगा और इस साझेदारी से अफगान समाज के हर हिस्से को लाभ मिलेगा।