नवाज का तख्ता पलटने की उम्मीद, पाक संसद में पांच को विशेष सत्र
नवाज शरीफ के सामने एक के बाद एक कई चुनौतियां है। सबसे पहली चुनौती आर्मी चीफ की नियुक्ति है। ऐसा माना जा रहा है कि अब पाकिस्तान के नौकरशाह और जनता नवाज़ शरीफ को सत्ता पर ज्यादा दिन बैठने नहीं देंगे। सब की राय यह मानी जा रही है कि अब अगले सेना प्रमुख की नियुक्ति का फैसला भी नया प्रधानमंत्री ही ले। दरअसल, पाकिस्तान में आर्मी चीफ रहील शरीफ ने अपनी छवि मजबूत इरादों वाले ईमानदार अफसर की बना ली है।
रहील शरीफ की रणनीति का कमाल है कि पाकिस्तान के स्कूल-कॉलेज से लेकर हॉस्पीटल तक सब सेना के हवाले है। नागरिक प्रशासन के नाम पर नवाज शरीफ सरकार सिर्फ संसद में वही बिल पास करवाते हैं जिन्हें सेना पहले से अपनी स्वीकृति दे देती है। कहा तो यहां तक जाता है कि नवाज शरीफ अभी तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री हैं तो उसकी एक वजह खुद जनरल रहील शरीफ ही हैं। रहील शरीफ ने पाकिस्तान का जम्हूरी चेहरा बनाये रखने के लिए नवाज शरीफ का तख्ता पलट नहीं किया है।
इसके बदले में नवाज़ शरीफ घरेलू नीतियों से लेकर विदेश नीति भी जनरल रहील शरीफ के इशारों पर तय करते हैं। सरकार में जनरल रहील शरीफ की हैसियत का अंदाजा तो तभी हो गया था जब नवाज़ शरीफ सहित पूरी कैबिनेट की मीटिंग प्रधानमंत्री निवास पर न होकर जनल रहीव शरीफ के ऑफिस जीएचक्यू में हुई थी। इस घटना से कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान में रातों-रात जनरल रहील शरीफ के समर्थन में एक साथ कई शहरों को फ्लैक्स बोर्डों से पाट दिया गया था। पनामा पेपर लीक मामले में नवाज़ शऱीफ के फैमिल मेंबर्स के नाम का मामला पाकिस्तान की सुर्खियां पहले से है। विपक्ष दलों नवाज़ शरीफ के खिलाफ मुकदमा चलाये जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं डाल रखी हैं। नवाज शरीफ की छवि पर एक धब्बा तब लगा जब वो लंदन की मार्केट में शॉपिंग करते हुए देखे गये।