पाक एयरलाइंस की अवैध प्रॉपर्टी पर केंद्र की चुप्पी
नई दिल्ली। पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस द्वारा ठीक केंद्र सरकार की नाक के नीचे दिल्ली में अवैध तरीके से कई फ्लैट खरीदने का मामला सामने आने के बाद भी सरकार इस मसले पर चुप्पी साधे हुए है। प्रवर्तन निदेशालय पूरे मामले की जांच कर वित्त मंत्रालय को बता चुका है कि पाकिस्तानी एयरलाइंस ने दिल्ली में अचल संपत्ति की खरीद में फेमा नियमों का उल्लंघन किया है। इसके बावजूद ईडी को इस मामले में कार्रवाई के लिए वित्त मंत्रालय से कोई जवाब नहीं मिल रहा है।
दरअसल पूरा मामला नई दिल्ली में 23, बाराखंबा रोड पर नारायण मंजिल में छह फ्लैट और पार्किंग की जगह से जुड़ा हुआ है। प्रवर्तन निदेशालय की जांच में पता चला है कि वर्ष 2005 में पाकिस्तानी एयरलाइंस ने यहां कुल छह फ्लैट खरीदे थे। इन फ्लैटों की खरीद से पहले एयरलाइंस ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की अनुमति नहीं ली, जो विदेशी मुद्रा प्रबंधन (फेमा) के नियमों का उल्लंघन है। फेमा नियमों के मुताबिक, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, अफगानिस्तान, ईरान, चीन, नेपाल और भूटान के नागरिक भारत में आरबीआई की अनुमति के बिना अचल संपत्ति की खरीफ-फरोख्त नहीं कर सकते हैं।
प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में 2 जनवरी 2015 को पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस को समन भी भेजा था। जवाब में पाकिस्तानी एयरलाइंस ने कहा है कि फेमा का उक्त नियम सिर्फ नागरिकों पर लागू होता है कंपनियों पर नहीं। एयरलाइंस ने यह संपत्ति कंपनी की हैसियत से खरीदी गई है। जिसकी जानकारी बाद में आरबीआई को भी दी गई थी। विदेशी नागरिक या कंपनियों द्वारा भारत में प्रॉपर्टी की खरीद से जुड़े फेमा के नियमों की व्याख्या को लेकर आरबीआई और ईडी के बीच भी मतभेद है। इस वजह से भी पाकिस्तानी एयरलाइंस के खिलाफ कार्रवाई में देर हुई।
हालांकि, पिछले साल नवंबर में आरबीआई ने छह महीने के अंदर प्रॉपर्टी को बेचने और बिक्री के साल भर के अंदर आरबीआई को सूचित करने के निर्देश दिए थे। लेकिन एयरलाइंस ने आरबीआई से अपने फैसले पर पुुनर्विचार करने को कहा। जिसके बाद आरबीआई ने 21 जनवरी को यह मामला वित्त मंत्रालय को भेज दिया। ईडी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, करीब छह महीने पहले वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग को पूरी जानकारी भेजने के बावजूद विभाग से कोई जवाब नहीं आया है।
पाकिस्तानी एयरलाइंस द्वारा बिना अनुमति के दिल्ली में छह फ्लैट खरीदे जाने का मामला संसद में भी उठ चुका है। लोकसभा में दिए एक लिखित जवाब में सरकार ने माना है कि पाकिस्तानी एयरलाइंस ने आरबीआई की पूर्व अनुमति के बगैर दिल्ली में अचल संपत्ति खरीदी है।