राहील शरीफ ने भारत पर लगाया पाकिस्तान को अस्थिर करने का आरोप
तटीय शहर ग्वादर में कल चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) पर आयोजित एक संगोष्ठी में पाकिस्तान के सेना प्रमुख राहील शरीफ ने कहा कि चीन पाकिस्तान आर्थिक सहयोग से क्षेत्र में भौहें तन गई हैं और भारत ने इस परियोजना का खुलकर विरोध किया है। उन्होंने कहा, सीपीईसी समय की कसौटी पर परखे गए चीन और पाकिस्तान के संबंधों की गहरी अभिव्यक्ति है। परंतु ऐसी विदेशी ताकते हैं जो सीपीईसी की क्षमता को समझती हैं और क्षेत्र में प्रभावशाली भूमिका चाहती हैं, वह पाकिस्तान और इस परियोजना को अस्थिर करने का प्रयास कर रही हैं।
पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने कहा, शत्रु खुफिया एजेंसियां इस बड़ी परियोजना के खिलाफ थीं, खासकर भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ, जो पाकिस्तान को अस्थिर करने में स्पष्ट तौर पर शामिल है। परंतु हम पाकिस्तान के किसी भी हिस्से में उथल-पुथल और अशांति पैदा नहीं होने देंगे। परियोजना को शांति एवं समृद्धि का गलियारा करार देते हुए राहील ने कहा कि सीपीईसी पाकिस्तान के लिए जीवन भर का एक मौका है कि वह अपने वंचित इलाकों में आर्थिक-सामाजिक स्थिति में सुधार कर सके। राहील ने कहा, विदेशी खुफिया एजेंसियां जो आतंकवादियों की मदद में शामिल हैं, पाकिस्तान में उनके संरक्षक और वित्तपोषक आर्थिक गलियारे परियोजना को नुकसान पहुंचाने की कोशिश में हैं।
सेना प्रमुख ने कहा, सेना प्रमुख के तौर पर मैं आपको सीपीईसी की सुरक्षा का भरोसा दिलाता हूं जो हमारा राष्ट्रीय उपक्रम है। हम कोई कसर बाकी नहीं रहने देंगे और हर कदम पर नजदीकी नजर रखना जारी रखेंगे। पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने कहा कि सीपीईसी पर काम तेज गति से आगे बढ़ रहा है और 675 किलोमीटर सड़क सिर्फ दो साल में पूरी हो चुकी है। कार्यक्रम के दूसरे वक्ताओं ने कहा कि ग्वादर बंदरगाह 2016 तक पूरी तरह संचालित हो जाएगा और धीरे-धीरे यह अंतरराष्ट्रीय व्यापार का केंद्र बन जाएगा।