एनएसजी सदस्यता: पाकिस्तान ने खुद को भारत से ज्यादा मजबूत दावेदार बताया
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने कहा कि पाकिस्तान ने पात्रता आधारित रूख को लेकर उन राष्ट्रों के साथ कूटनीतिक रूप से संपर्क किया है जिन्होंने परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। अजीज ने डॉन न्यूज से कहा, अगर समूह समान पात्रता तय करता है तो एनएसजी की सदस्यता के लिए पाकिस्तान की भारत से ज्यादा मजबूत विश्वसनीयता है। उन्होंने दावा किया कि योग्यता के आधार पर एनएसजी की सदस्यता हासिल करने का पकिस्तान के पास बेहतरीन मौका है। अजीज ने कहा, हमारी रणनीति यह भी है कि भारत के आवेदन करने के बाद हम भी तत्काल ऐसा करेंगे। इस मकसद के लिए हमारे पास आवेदन तीन महीने पहले से तैयार रखा हुआ है। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान ने पात्रता आधारित रूख के लिए धीरे-धीरे समर्थन हासिल कर लिया है।
अजीज ने कहा, पिछले सप्ताह मैंने रूस, न्यूजीलैंड और दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रियों को फोन किया और हमारी राय यही थी कि उन्हें पात्रता आधारित रूख का समर्थन करना चाहिए तथा हमने इसको लेकर समर्थन हासिल किया है। अजीज ने उम्मीद जताई कि अगर भारत को एनएसजी की सदस्यता मिलती है तो पाकिस्तान के प्रयासों और उसकी मजबूत विश्वसनीयता के कारण इस्लामाबाद भी पीछे नहीं छूटेगा। उन्होंने कहा कि भारत को सदस्य बनाने के लिए अमेरिका ने एक नीति तय की है क्योंकि उसका पूरा ध्यान इस्लामी दुनिया और चीन को नियंत्रित करने की ओर है। अजीज ने कहा, हम उनसे सवाल नहीं कर सकते लेकिन हम बार-बार उनसे कहते हैं कि आप संप्रभु देश हैं और किसी भी देश के साथ संबंध रख सकते हैं, लेकिन आप दक्षिण एशिया में रणनीतिक अंसतुलन को बढ़ाते हैं तो हमारी समस्याएं बढ़ेंगी। भारत के साथ पाकिस्तान के संबंधों के बारे में अजीज ने कहा कि चीजें बदल गई हैं क्योंकि नरेंद्र मोदी प्रशासन संबंधों को सामान्य बनाना चाहता है लेकिन ऐसा वह अपनी प्राथमिकताओं के आधार पर करना चाहता है। अजीज ने दावा किया कि भारत कश्मीर मुद्दे पर बातचीत का इच्छुक नहीं है।