पाकिस्तान में ईशनिंदा के लिए आसिया बीबी को नहीं होगी फांसी, सुप्रीम कोर्ट ने किया बरी
पड़ोसी देश पाकिस्तान में ईशनिंदा के लिए मौत की सजा पाई ईसाई महिला आसिया बीबी को वहां के सुप्रीम कोर्ट ने मृत्युदंड से बरी कर दिया है। आसिया बीबी ने अपने मृत्युदंड के खिलाफ अंतिम अपील करते हुए एक याचिका दी थी, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।
आसिया बीबी को ईशनिंदा के आरोप में ट्रायल कोर्ट ने नवंबर 2010 को मृत्युदंड की सजा सुनाई थी। इसकी अपील उन्होंने लाहौर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, वहां भी उनकी मौत की सजा को बरकरार रखा गया था। जिसके बाद आसिया बीबी ने फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। सर्वोच्च अदालत ने आसिया बीबी की मृत्युदंड के खिलाफ अंतिम कानूनी अपील पर अपना फैसला 8 अक्टूबर को सुरक्षित रख लिया था।
क्या था आरोप?
आसिया नूरीन को आसिया बीबी के नाम से जाना जाता है। वह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के ननकाना क्षेत्रा की रहनेवाली हैं और पांच बच्चों की मां हैं। उन्हें वर्ष 2009 में ईशनिंदा के आरोप में दोषी करार दिया गया था। उन्हें वर्ष 2010 में मौत की सजा सुनाई गई थी। आसिया बीबी पर आरोप है कि उन्होंने 14 जून 2009 को शेखूपुरा में तीन अन्य महिलाओं से चर्चा के दौरान मोहम्मद साहब को लेकर तीन व्यंग्यात्मक और अपमानजनक बयान दिए थे।
मौत की सजा के खिलाफ अमेरिकी संसद में भी उठी थी आवाज
अमेरिका के दो शीर्ष सीनेटरों ने पाकिस्तान से पाकिस्तानी-ईसाई महिला आसिया बीबी की रिहाई की अपील करते हुए अमेरिकी सीनेट में एक प्रस्ताव पेश किया किया था। अमेरिकी संसद के उच्च सदन सीनेट के दो प्रतिनिधियों रैंड पॉल और क्रिस कून्स ने कल पाकिस्तान से आसिया नूरीन की रिहाई की अपील करते हुए यह प्रस्ताव पेश किया था। उस वक्त अंतरराष्टीय दबाव के बाद पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने उनकी फांसी की सजा पर रोक लगा दी थी।