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30 January 2016

नफरत फैलाने के एवज में पाक मदरसों को अरब से आर्थिक मददः अमेरिकी ‌सीनेटर

सीनेटर क्रिस मर्फी ने कहा कि अमेरिका को सऊदी अरब द्वारा कट्टरपंथी इस्लाम को प्रायोजित किए जाने पर अपनी प्रभावी मौन सहमति की स्थिति को समाप्त करने की आवश्यकता है। मर्फी ने कहा कि पाकिस्तान इस बात का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है जहां सऊदी अरब से आ रहे धन का इस्तेमाल उन धार्मिक स्कूलों को मदद के लिए किया जा रहा है जो घृणा एवं आतंकवाद को बढावा देते हैं।

उन्होंने शीर्ष अमेरिकी थिंक टैंक काउंसिल ऑन फोरन रिलेशंस को संबोधित करते हुए कल कहा,  पाकिस्तान में 24,000 ऐसे मदरसे हैं जिनमें से हजारों को मिलने वाली आर्थिक मदद सउदी अरब से आती है। कुछ अनुमानों के अनुसार, 1960 के दशक से सऊदी अरब ने कड़े वहाबी इस्लाम के प्रसार अभियान के तहत विश्वभर में मदरसों और मस्जिदों को 100 अरब डॉलर से अधिक की आर्थिक मदद दी है। इसकी तुलना अगर पूर्व सोवियत संघ से करें तो विभिन्न अनुसंधानों का अनुमान है कि उसने 1920 से 1991 के बीच अपनी साम्यवादी विचारधारा को अन्य देशों में फैलाने के लिए सात अरब डाॅलर खर्च किए थे।

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TAGS: पाकिस्तान, अमेरिकी सीनेटर, मदरसे, सऊदी अरब, Chriss Murfi, US Senator, Council on Foreign Relation
OUTLOOK 30 January, 2016
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