शरीफ की अपने मंत्रियों को नसीहत, भारत के खिलाफ न बोलें
एक स्थानीय अखबार ने शरीफ के एक करीबी सहयोगी के हवाले से कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने सहयोगियों से कहा है कि भारत के संबंध में पाक की ओर से गड़े मुर्दे उखाड़ने की बजाए केवल ऐसे बयान होंगे जिनसे वार्ता प्रक्रिया प्रोत्साहित हो। रिपोर्ट में कहा गया कि मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों को ऐसे बयान देने से रोक दिया गया है जिससे शांति प्रक्रिया को नुकसान पहुंच सकता है। शरीफ के सहयोगी के हवाले से कहा गया कि प्रधानमंत्री भारत के साथ बेहतर संबंधों के प्रति आशावादी हैं जिससे समूचे क्षेत्र को लाभ होगा। खबर में कहा गया है कि शरीफ भारत से आए कुछ बयानों से नाराज हैं, लेकिन समझते हैं कि यह भारत सरकार की नीति नहीं है।
शरीफ के सहयोगी के अनुसार शरीफ शांति पर चर्चा के लिए दोनों पक्षों की बैठक में कश्मीर समस्या, आतंकवाद और व्यापार को शीर्ष प्राथमिकता देना चाहते हैं। एक अन्य अधिकारी के हवाले से कहा गया कि शरीफ और सैन्य नेतृत्व भारत के साथ शांति को लेकर एक जैसा मत रखते हैं। उक्त अधिकारी ने कहा कि दोनों में कोई मतभेद नहीं है और दोनों इस बात पर सहमत हैं कि महत्वपूर्ण मुद्दों पर निर्दिष्ट स्थिति पर कोई समझौता नहीं होना चाहिए। विश्लेषकों का कहना है कि यह एक सकारात्मक घटनाक्रम है कि पाकिस्तान और भारत सभी लंबित मुद्दों के समाधान के लिए समग्र वार्ता करने पर सहमत हुए हैं।
गौरतलब है कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस महीने के शुरू में पाकिस्तान की यात्रा की थी। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और विदेश मामलों के उनके सलाहकार सरताज अजीज से मुलाकात की थी। बैठकों के बाद दोनों देशों ने समग्र द्विपक्षीय वार्ता के तहत फिर से बातचीत शुरू करने का फैसला लिया है। पाकिस्तान और भारत के विदेश सचिव वार्ता के ब्योरे का खाका तैयार करने के लिए अगले महीने बैठक करेंगे।