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17 March 2016

नेपाल में सुषमा-अजीज की मुलाकात पर टिकी निगाहें

भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज 37वीं सार्क मंत्री परिषद बैठक में शामिल होने के लिए नेपाल में हैं और आज यहां उनकी मुलाकात पाकिस्तान के विदेश मंत्री सरताज अजीज से होनी है। इस बैठक में भारत की तरफ से पठानकोट में हुए आतंकी हमले का मुद्दा उठाया जाएगा और पाकिस्तान की तरफ से दिल्ली में रहने वाले पांच पाकिस्तानी राजनियकों को पश्चिम बंगाल में भारत-पाक के मैच को देखने के लिए अनुमति न दिए जाने का सवाल उठाए जाने की उम्मीद है।

इस मुद्दे पर इस्लामाबाद में भारतीय डिप्टी हाई कमीशनर जे.पी. सिंह को डिमार्क (नोटिस) जारी किया है जिसमें उसने अपने राजनयिकों को अनुमति न दिए जाने का विरोध किया है। यह डिमार्क उस समय जारी किया गया जब भारतीय विदेश सचिव एस. जयशंकर क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने और सार्क देशों में कनेक्टेविटी बढ़ाने के लिए नेपाल में बैठक कर रहे थे। हालांकि भारत ने कहा कि कोलकाता जाने के लिए नियमों का पालन नहीं किया और पहले से सूचित नहीं किया। इस तरह से पाकिस्तान ने भी अपना एजेंडा तय कर दिया है। ऐसा माना जाता है कि जब भारत से पठानकोट का मसला उठाया जाएगा, तो पाकिस्तान राजनयिकों का सवाल उठाया जाएगा।

उधर, सुषमा स्वराज जो सार्क की तीन दिवसीय मंत्री स्तरीय बैठक में शिरकत के लिए आई हैं, वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पड़ोसी पहले की रणनीति को आगे बढ़ाएंगी। पिछले साल सार्क बैठक में लिए गए फैसलों का भी मूल्यांकन किया जाएगा। इसके साथ ही सुषमा स्वराज और सरताज अजीज के बीच की बैठक से ही इस महीने के अंत में अमेरिका में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और नरेंद्र मोदी के बीच की बैठक की राह निकलेगी और एजेंडे पर सहमति बनेगी।

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नेपाल के राजनीतिक परिदृश्य में यह बैठक एक अहम पड़ाव के तौर पर तौर पर देखी जा रही है। नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. ओली का कहना है कि उन्हें अपने पड़ोसी देश भारत से बड़े आर्थिक समर्थन की आस है, ताकि उनका देश मौजूदा संकट से आसानी से उभर सके। गौरतलब है कि नेपाल में नए संविधान के लागू होने के समय से ही मधेशी आंदोलन ने कई ज्वलंत सवाल उठाए थे, जिन्हें अभी हल होना बाकी है। 

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TAGS: Sartaj Aziz, Sushma Swaraj, India-Pakistan talks, SAARC
OUTLOOK 17 March, 2016
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