अपने सहयोगी को राष्ट्रपति बनवाने में सफल हुईं सू की
69 वर्षीय हेतिन काव को म्यांमार की संसद के दोनों विधायी सदनों में 652 में से 360 मत मिले। इसके साथ ही संवैधानिक प्रावधानों के चलते राष्ट्रपति बनने से रोक दी गईं सू की के लिए परदे के पीछे से इस पद की जिम्मेदारी संभालने का रास्ता साफ हो गया है। राजधानी नेपीताव में मतगणना की लंबी प्रक्रिया के बाद जब परिणाम की घोषणा की गयी तो सांसद खुशी से झूम उठे।
देश के सैन्य शासन काल के संविधान के अनुसार सू की को इस आधार पर देश के शीर्ष पद का चुनाव लड़ने से रोक दिया गया था कि उन्होंने एक विदेशी से शादी की थी और उस विदेशी से उनके बच्चे हैं। उनकी पार्टी के नवंबर के चुनाव में शानदार जीत हासिल करने के बाद सू की ने परदे के पीछे से सत्ता को संचालित करने के संकेत दे दिए थे। एक सम्मानित कवि के पुत्र काव ने हालिया वर्षों में सू की के धर्मार्थ संगठन को चलाने में मदद की थी और वह लंबे समय से उनके वफादार व्यक्ति माने जाते हैं।