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16 August 2017

रोहिंग्या शरणार्थियों को भारत से किया जाएगा बाहर, यूएन ने जताई चिंता

संयुक्त राष्ट्र ने रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस म्यांमार भेजने की भारत की योजना पर चिंता जताई है। समाचार एजेंसी एएनआई ने ये जानकारी दी।

समाचार एजेंसी के मुताबिक, यूएन महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने कहा कि शरणार्थियों को उन देशों में वापस नहीं भेजा जा सकता, जहां उनके खिलाफ अत्याचार की आशंका हो। भारत के गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने पिछले सप्ताह संसद में कहा था कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को जिला स्तर पर टास्क फोर्स गठित कर अवैध रूप से रह रहे विदेश नागरिकों की पहचान करने और उन्हें वापस भेजने के निर्देश दिये हैं।

इस बाबत सवाल पूछे जाने पर गुतेरस के प्रवक्ता फरहान हक ने बताया कि भारत के कदम से यूएन चिंतित है। उनके मुताबिक शरणार्थियों का पंजीकरण होने के बाद उन्हें उन देशों में नहीं भेजा जा सकता है जहां उनके खिलाफ धर्म, जाति, राष्ट्रीयता, सामाजिक समूह से जुड़ाव या राजनीतिक विचार के आधार पर अत्याचार होने की आशंका हो। उन्होंने आगे कहा कि इस बारे में यूएन हाई कमिश्नर फॉर रिफ्यूजीज (यूएनएचसीआर) भारत सरकार से बात करेगा।

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इस बीच एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा है कि रोहिंग्या लोगों को वापस भेजना और त्यागना "अनुचित" कदम होगा। गौरतलब है कि म्यांमार के रखाइन प्रांत में रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ अत्याचार के मामले सामने आए हैं। सैन्य कार्रवाई से बचने के लिए बड़ी तादाद में रोहिंग्या शरणार्थी भारतीय सीमा में प्रवेश कर गए। रिजिजू ने आधिकारिक आंकड़ों के हवाले से भारत में इनकी तादाद 14 हजार और खुफिया सूचनाओं के आधार पर तकरीबन 40 हजार होने की बात कही थी। ये मुख्य रूप से जम्मू, हैदराबाद, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली एनसीआर और राजस्थान में रह रहे हैं।

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TAGS: UN chief, concerned, Rohingya refugees, face deportation, India, UN chief, concerned, Rohingya refugees, face deportation, India, United Nations, UN Secretary General Antonio Guterres
OUTLOOK 16 August, 2017
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