अफगानिस्तान में अमेरिका ने गिराया ‘सबसे बड़ा बम’, जानिए 5 प्रमुख बातें
क्या?
अफगानिस्तान में अमेरिकी की इस कार्रवाई से पूरी दुनिया अचंभे में है। इसे आतंकवाद के खिलाफ ट्रंप की सर्जिकल स्ट्राइल के तौर पर भी देखा जा रहा है। करीब 97 कुंतल के इस बम का धमाका इतना भीषण था कि डेढ किलोमीटर क्षेत्र में तबाही मच गई। अमेरिका ने पहली बार इतने शक्तिशाली गैर-परमाणु बम का प्रयोग किया है।
कब?
यह भीषण बम हमला स्थानीय समय के अनुसार गुुुुरुवार शाम करीब 7 बजे हुआ। पेंटागन के प्रवक्ता ने बताया कि आतंकवाद के खिलाफ जंग में अमेरिका ने पहली बार GBU-43/B बम का इस्तेमाल किया। इसे मेसिव ऑर्डिनेंस एयर ब्लास्ट (MOAB) या 'मदर ऑफ आल बॉम' भी कहा जाता है।
कहां?
हमले में इस्तेमाल बम को MC-130 एयरक्राफ्ट के जरिए पूर्वी अफगानिस्तान के अचिन जिले में एक सुरंग के अंदर बने कॉम्प्लेक्स पर गिराया गया। यह जगह पाकिस्तान के पेशावर शहर से सिर्फ 100 किलोमीटर की दूरी पर है। इतने नजदीक अमेरिका का ऐसा हमला पाकिस्तान से संचालित होने वाले आतंकी समूहों के लिए भी खतरे के घंटी है।
क्यों?
अमेरिका के निशाने पर पाकिस्तान बॉर्डर के पास अफगानिस्तान में छिपे ISIS के आतंकी थे। ये आतंकी सुरंगों और गुफाओं में छिपे रहते हैं। हमले का मकसद अफगानिस्तान में ISIS के नेटवर्क की कमर तोड़ना है। अफगानिस्तान में तैनात अमेरिकी जरनल जॉन निकोलसन ने कहा कि जैसे-जैसे ISIS को नुकसान पहुंच रहा है, वे अपनी सुरक्षा के लिए बंकरों और सुरंगों में छिप रहे हैं।
कैसे?
जीपीएस से संचालित होने वाले इस अत्यंत शक्तिशाली बम का परीक्षण 2003 में इराक युद्ध से पहले किया गया था। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता सॉन स्पाइसर ने कहा है कि इस हमले में इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों द्वारा इस्तेमाल की जा रही सुरंगों को निशाना बनाया गया। कोशिश की गई कि आम नागरिकों को कम से कम नुकसान हो।