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25 July 2018

पाकिस्तान चुनाव में हिंसा के बीच वोटिंग जारी, क्वेटा में आत्मघाती हमला, 28 की मौत

हिंसक घटनाओं के बीच  पाकिस्तान अपने अगले प्रधानमंत्री को चुनने के लिए बुधवार को मतदान कर रहा है। यदि 25 जुलाई को होने वाला यह चुनाव ठीक से संपन्न हो जाए तो यह दूसरा मौका होगा जब कोई लोकतांत्रिक ढंग से चुनी सरकार अगली लोकतांत्रिक सरकार को सत्ता सौंपेगी। पहली बार साल 2013 में ऐसा हुआ था। पाकिस्तान के इतिहास में अभी तक किसी भी प्रधानमंत्री ने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया है। पाकिस्तान में हो रही इस वोटिंग के बीच क्वेटा में पुलिस पार्टी पर आत्मघाती हमला हुआ है।

बलूचिस्तान के क्वेटा में ईस्टर्न बाईपास के निकट हुए विस्फोट में 28 की मौत हो गई है और 36 घायल बताए जा रहे हैं। वहीं पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक मतदान केंद्र के बाहर दो प्रतिद्वंद्वी दलों के समर्थकों के बीच गोलियां चली, जिसमें पूर्व क्रिकेटर इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक- ए- इंसाफ का एक कार्यकर्ता मारा गया और दो अन्य घायल हो गए।

बता दें कि पाकिस्तान में प्रधानमंत्री पद के तीन उम्मीदवार हैं। इनमें सबसे मजबूत माने जा रहे हैं इमरान खान जो पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के चीफ हैं। दूसरे उम्मीदवार हैं पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष शहबाज शरीफ। नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम के चुनावी दौड़ से हटने के बाद वे पार्टी का सबसे बड़ा चेहरा हैं। तीसरे दावेदार के तौर पर देखे जा रहे हें पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के बिलावल भुट्टो। बिलावल पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के बेटे हैं। तीनों उम्मीदवार एक से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। बिलावल पहली बार चुनावी मैदान में उतरे हैं।

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पाकिस्तान में संसदीय चुनावों के साथ ही प्रांतीय चुनाव भी हो रहे हैं। संसद के लिए कुल 342 सीटें हैं, जिनमें से 70 सीटें पहले ही आरक्षित हैं। यानी कुल 272 सीटों पर सीधे चुनाव के जरिए उम्मीदवार चुने जाएंगे।

ऐसे तो 2013 तक पाकिस्तान के आम चुनाव में भारत का विरोध, कश्मीर की आजादी, बलूचिस्तान-अफगानिस्तान वगैरह मुद्दा होता था। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ-बेनजीर भुट्‌टो और पूर्व तानाशाह परवेज मुशर्रफ इन्हीं मुद्दों के आस-पास घूमते थे। लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। इस दफा इमरान ने ही सबसे पहले नए पाकिस्तान का नारा दिया था। इसके बाद पाकिस्तान पीएमएल-एन के शहबाज शरीफ और पीपीपी के बिलावल भुट्‌टो ने भी अपने-अपने घोषणा-पत्र में पाकिस्तान के विकास की नई राह पर ले जाने का वादा किया।

अब तक के सर्वे के मुताबिक, इमरान खान सरकार बनाते दिख रहे हैं। हालांकि, नवाज शरीफ का जेल जाना उनकी पार्टी पीएमएल-एन को फायदा पहुंचा सकता है। बहरहाल पाकिस्तान की अवाम अपनी नई हुकूमत की किस्मत लिखने के लिए तैयार है।

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TAGS: tight security, voting, Pakistan, elect, new National Assembly, provincial assemblies
OUTLOOK 25 July, 2018
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