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30 May 2015

राजपक्षे को क्यों सता रहा है लिट्टे का डर

गूगल

पिछला राष्ट्रपति चुनाव अपने ही सहयोगी रहे मैत्रिपाला सिरीसेना के हाथों हार चुके राजपक्षे ने कहा, हमें खुशी है कि आतंकवादी नहीं बचे हैं। लेकिन मुझे आशंका है कि हम आतंकवाद की वापसी होते देख सकते हैं। गौरतलब है कि राजपक्षे की हार में देश के तमिल मतदाताओं की बड़ी भूमिका रही है जिन्होंने एकतरफा रूप से सिरीसेना को अपना समर्थन दिया था।

उत्तरी मध्य शहर अनुराधापुर में शुक्रवार को उन्होंने एक धार्मिक समागम में कहा, हम नहीं चाहते कि जो कुछ हुआ वह फिर से देखें। हम चाहते हैं हर कोई शांति और सौहार्द से रहे। 2009 में लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम पर श्रीलंकाई सेना की फतह का नेतृत्व करने वाले राजपक्षे की सत्ता में वापसी के लिए संसदीय चुनाव लड़ने की योजना है। उन्होंने 2005 में पहली बार जीत हासिल की थी और सिंहली बहुसंख्यकों के बीच लोकप्रियता की लहर के बीच 2010 में फिर से जीते। उन्होंने बाद में संविधान बदल दिया और तीसरी बार जीतने की आस में जनवरी में चुनाव करवाया। लेकिन, दिग्गज नेता को राष्ट्रपति चुनावों में हार का सामना करना पड़ा और सिरीसेना राष्ट्रपति बने।

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TAGS: श्रीलंका, महिंदा राजपक्षे, मैत्रिपाला सिरीसेना, पूर्व राष्ट्रपति, तमिल अलगाववादी, ‌लिट्टे, Sri Lanka, Mahinda Rajapaksa, Matripala Sirisena, former President, the Tamil separatist, LTTE
OUTLOOK 30 May, 2015
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