रूस की शर्तों को यूक्रेन ने बताया ‘आत्मसमर्पण के बराबर’, शांति वार्ता रही बेनतीजा
2 जून 2025 को इस्तांबुल में रूस और यूक्रेन के बीच दूसरे दौर की शांति वार्ता हुई, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका। यूक्रेन ने 30 दिनों के पूर्ण और बिना शर्त युद्धविराम की मांग की, जिसे रूस ने सिरे से खारिज कर दिया।
यूक्रेन की ओर से रक्षा मंत्री रुस्तम उमेरोव ने वार्ता का नेतृत्व किया, जबकि रूस की ओर से व्लादिमीर मेडिंस्की ने प्रतिनिधित्व किया। यूक्रेन ने युद्धविराम के अलावा युद्धबंदियों की रिहाई और रूस द्वारा अपहृत बच्चों की वापसी की मांग की। रूस ने केवल सीमित क्षेत्रों में 2-3 दिनों के अस्थायी युद्धविराम का प्रस्ताव दिया, ताकि मृत सैनिकों के शवों को एकत्र किया जा सके।
हालांकि, दोनों पक्षों ने 6,000-6,000 मृत सैनिकों के शवों की अदला-बदली और गंभीर रूप से घायल युद्धबंदियों की रिहाई पर सहमति जताई। यूक्रेन ने रूस को 339 अपहृत बच्चों की सूची सौंपी, जिनकी वापसी की मांग की गई है।
रूस ने युद्धविराम के लिए कड़े शर्तें रखीं, जिसमें चार यूक्रेनी क्षेत्रों—डोनेट्स्क, लुहान्स्क, ज़ापोरिज़िया और खेरसॉन—का नियंत्रण और यूक्रेन की नाटो में शामिल होने की आकांक्षा को समाप्त करना शामिल है। यूक्रेन ने इन मांगों को अस्वीकार्य बताया और कहा कि ये आत्मसमर्पण के समान हैं।
वार्ता से एक दिन पहले, यूक्रेन ने रूस के पांच दूरस्थ सैन्य हवाई अड्डों पर ड्रोन हमले किए, जिससे रूस के 40 से अधिक सैन्य विमानों को नुकसान पहुंचा। रूस ने इसे "रूसी पर्ल हार्बर" करार दिया।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने चेतावनी दी कि यदि वार्ता विफल होती है, तो रूस पर और कड़े प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए। उन्होंने अमेरिका और यूरोपीय संघ से रूस पर दबाव बढ़ाने की अपील की।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता में हुई इस वार्ता में कोई ठोस परिणाम नहीं निकला। हालांकि, तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन ने वार्ता को संवाद की दिशा में एक सकारात्मक कदम बताया और भविष्य में ज़ेलेंस्की, पुतिन और ट्रंप के बीच उच्च स्तरीय बैठक की संभावना जताई।
दोनों पक्षों ने जून के अंत में तीसरे दौर की वार्ता की संभावना पर सहमति जताई है, जिसमें शीर्ष नेताओं की भागीदारी पर जोर दिया गया है। हालांकि, जमीनी स्तर पर संघर्ष जारी है और शांति की दिशा में कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है।