अमेरिकी खुफिया ने खारिज किया इजरायल का दावा, ईरान परमाणु हथियार से तीन साल दूर था
अमेरिकी खुफिया आकलन ने इजरायल के दावे को खारिज करते हुए कहा है कि ईरान परमाणु हथियार विकसित करने से कम से कम तीन साल दूर है। इजरायल ने 13 जून को ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ के तहत ईरान पर हवाई हमले शुरू किए, दावा करते हुए कि ईरान परमाणु हथियार बनाने के “अंतिम चरण” में था। हालांकि, सीएनएन द्वारा प्राप्त एक अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, ईरान न केवल परमाणु हथियार विकसित नहीं कर रहा, बल्कि इसे बनाने और लक्ष्य तक पहुंचाने में तीन साल लग सकते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया कि इजरायल के हमलों ने ईरान के नतांज संवर्धन संयंत्र को नुकसान पहुंचाया, लेकिन फोर्डो संयंत्र, जो गहरे भूमिगत है, पर कोई असर नहीं पड़ा। इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) ने चेतावनी दी है कि ईरान के पास नौ परमाणु बम बनाने लायक यूरेनियम है, लेकिन डिलीवरी सिस्टम विकसित करना अभी बाकी है। अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने मार्च में गवाही दी थी कि ईरान ने 2003 में बंद किए गए परमाणु हथियार कार्यक्रम को दोबारा शुरू नहीं किया है
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने फॉक्स न्यूज पर दावा किया कि उनके पास “स्पष्ट खुफिया जानकारी” थी कि ईरान गुप्त रूप से यूरेनियम को हथियार बनाने की योजना पर काम कर रहा था। दूसरी ओर, अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि इजरायल के हमलों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को केवल कुछ महीनों के लिए पीछे धकेला है। कुछ विशेषज्ञों ने चेतावनी दी कि ये हमले ईरान को परमाणु हथियार बनाने के लिए उकसा सकते हैं।
ईरान ने जवाबी कार्रवाई में तेल अवीव और हाइफा पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए, जिसमें 24 लोग मारे गए। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्रुथ सोशल पर तेहरान से तत्काल निकासी की चेतावनी दी, लेकिन युद्ध में अमेरिकी हस्तक्षेप से इनकार किया। जी7 नेताओं ने इजरायल के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया, लेकिन क्षेत्रीय युद्ध की आशंका बढ़ रही है।