भारतीय मूल का आतंकी इराक में मारा गया
अटॉर्नी जनरल जॉर्ज ब्रांडिस ने अमेरिका से मिली जानकारियों का हवाला देते हुए बताया कि वाशिंगटन ने कैनबरा को सूचित किया कि प्रकाश 29 अप्रैल को इराक के मोसुल में मारा गया। सीनेटर ने कल कहा कि नील प्रकाश पश्चिम एशिया में आस्ट्रेलिया की दृष्टि से सबसे अधिक वांछित आतंकी था। वह एक ऐसा आतंकी था जो आस्ट्रेलिया में घरेलू आतंकी हमलों को सक्रिय रूप से भड़का रहा था।
ब्रांडिस ने कहा कि आस्ट्रेलियाई अधिकारियों ने यह पता लगाने में अमेरिकी सहयोगियों को मदद की कि प्रकाश मोसुल में कहां है। प्रकाश फिजी-भारतीय एवं कम्बोडियाई पृष्ठभूमि का आस्ट्रेलियाई था। उन्होंने कहा, आस्ट्रेलिया ने प्रकाश की पहचान करने और यह पता लगाने में अमेरिका के साथ सहयोग किया कि वह कहां है। ब्रांडिस ने कहा कि प्रकाश सबसे खतरनाक आस्ट्लियाई था और मेलबर्न एवं सिडनी में भी उसका नेटवर्क था। वह आतंकवादियों की भर्ती में अत्यधिक सक्रियता के साथ शामिल था।
प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल ने प्रकाश की मौत को बहुत-बहुत सकारात्मक घटना करार दिया। टर्नबुल ने कहा, नील प्रकाश की मौत दाएश और आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में एक बहुत-बहुत सकारात्मक घटना है। इससे पहले जनवरी में मीडिया रिपोर्ट्स में आईएस के एक आतंकवादी के हवाले से बताया गया था कि अबु खालिद अल कम्बोदी के नाम से भी जाना जाने वाला प्रकाश सीरिया में मारा गया। रिपोर्ट्स के अनुसार आतंकवादी 2013 में सीरिया फरार हो गया था। विक्टोरिया में एंजैक दिवस पर आतंकवादी हमले की साजिश रचने के कुछ आरोपियों के साथ भी उसके संपर्क थे।
आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में युद्ध, संघर्षों और शांतिरक्षा अभियानों में सेवाएं देने वालों एवं अपनी जान गंवाने वालों की याद में एंजैक दिवस मनाया जाता है। बताया जा रहा है कि अमेरिकी अधिकारियों ने यह भी सूचना दी कि पिछले वर्ष अक्टूबर में पुलिस अकाउंटेट कुर्तिस चेंग की गोली मारकर हत्या करने वाले पश्चिमी सिडनी के 15 वर्षीय फरहाद जबर की बहन एवं आस्ट्रेलिया महिला शादी जबर भी सीरिया में एक अन्य हवाई हमले में मारी गई।