काबुल में हमले की तालिबान ने ली जिम्मेदारी, डोनाल्ड ट्रंप ने शांति वार्ता रोकी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तालिबान नेताओं और अपने अफगानी सहयोगी नेताओं के साथ गोपनीय बातचीत रद कर दी है। काबुल में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी तालिबान द्वारा लिए जाने के बाद ट्रंप ने यह कदम उठाया है। इस आतंकी हमले में एक अमेरिकी सैनिक और 11 अन्य लोगों की मौत हो गई थी।
रविवार को होनी थी गोपनीय बैठक
ट्रंप ने कई ट्वीट करके जानकारी दी कि उन्हें अमेिरकी राष्ट्रपति अशरफ घानी और तालिबान के वरिष्ठ नेताओं से शनिवार को अपने कैंप डेविड ऑफिस में मिलना था। लेकिन उन्होंने यह बैठक रद कर दी क्योंकि तालिबान ने काबुल में 12 लोगों की जान लेने वाले हमले की जिम्मेदारी ली है। ट्रंप ने ट्वीट करके कहा कि तालिबान नेता और अफगानी राष्ट्रपति गोपनीय बैठक के लिए आने वाले थे। लेकिन काबुल में हुए हमले की जिम्मेदारी लिए जाने के बाद उन्होंने बैठक रद कर दी है। इसमें उनके एक सैनिक की मौत हो गई। उन्होंने इस तरह बातचीत का माहौल बिगाड़ दिया गया है।
सैद्धांतिक सहमति बन गई थी वार्ताओं में
ट्रंप का यह कदम नौ दौर की वार्ताओं के बात सामने आया है। अमेरिका और तालिबान के प्रतिनिधियों के बीच कतर की राजधानी में दोहा में कई बैठकें हुई थीं। ट्रंप के वार्ताकार जामले खलीलजाद ने सोमवार को घोषणा की थी कि तालबिना के साथ शांति समझौते के लिए सैद्धांतिक सहमति बन गई है। इसके तहत अमेिरका को अफगानस्तिन से अगले 20 हफ्तों में 5400 सैनिकों को वापस बुलाना था। इस समय उसके 14000 सैनिक अफगानिस्तान में हैं।
अफगानिस्तान ने ट्रंप की तारीफ की
इस बीच, अफगानिस्तान ने ईमानदार प्रयासों के लिए अमेरकि राष्ट्रपति की तारीफ की है। अफगानी राष्ट्रपति के कार्यालय से जारी बयान में कहा गया कि अफगानी सरकार शांति समझौते के लिए अमेिरका और दूसरे सहयोगी देशों के प्रयासों की सराहना करती है। तालिबान के साथ होने वाली बैठक रद किए जाने की ट्रंप की घोषणा के बाद अफगानिस्तानी सरकार का यह बयान आया है।