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05 July 2024

ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री का भारत को लेकर कैसा रहेगा रुख? लिए जा सकते हैं ये बड़े फैसले

मानवाधिकार अधिवक्ता कीर स्टार्मर को शुक्रवार को ब्रिटेन का नया प्रधानमंत्री चुन लिया गया जिन्होंने भारतीय मूल के लोगों के साथ लेबर पार्टी के संबंधों में सकारात्मक बदलाव की वकालत की है। स्टार्मर ने अपनी पार्टी को मजबूत जनादेश मिलने पर भारत के साथ एक मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) समेत नई रणनीतिक साझेदारी का संकल्प जताया था।

स्टार्मर की अगुवाई में लेबर पार्टी ने ब्रिटेन के आम चुनाव में शानदार जीत हासिल की है। स्टार्मर (61) अगले प्रधानमंत्री होंगे और उन्होंने एक विजय रैली में समर्थकों से कहा कि ‘बदलाव अब शुरू होगा।’’

दिसंबर 2019 में करारी चुनावी हार के बाद लेबर पार्टी की किस्मत में प्रभावशाली, विजयी उलटफेर का श्रेय अब जाहिर तौर पर स्टार्मर के खाते में जाएगा। वह ब्रिटिश भारतीयों के साथ अपनी पार्टी के रिश्ते को नए सिरे से आकार देने की कोशिश कर रहे हैं, जो पूर्व नेता जेरेमी कॉर्बिन के कार्यकाल में कश्मीर पर कथित भारत विरोधी रुख को लेकर प्रभावित हुए थे।

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स्टार्मर ने अपने विजय संबोधन में कहा, ‘‘साढ़े चार साल तक पार्टी में बदलाव का यही मकसद है: एक बदली हुई लेबर पार्टी जो हमारे देश की सेवा करने के लिए तैयार है, ब्रिटेन को कामकाजी लोगों की सेवा में फिर से लगाने के लिए तैयार है।’’ प्रधानमंत्री के तौर पर भारत के प्रति उनका रुख लेबर पार्टी के 2024 के चुनावी घोषणापत्र में प्रदर्शित हुआ था जिसमें ‘‘भारत के साथ एक नई रणनीतिक साझेदारी की बात कही गई है, जिसमें एक मुक्त व्यापार समझौते के साथ-साथ सुरक्षा, शिक्षा, प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करना शामिल है।’’

उन्होंने पिछले साल ‘इंडिया ग्लोबल फोरम’ में कहा था, ‘‘मेरा आज आप सबके लिए स्पष्ट संदेश है। यह बदली हुई लेबर पार्टी है।’’ स्टार्मर ने कहा, ‘‘मेरी लेबर पार्टी की सरकार भारत के साथ लोकतंत्र और आकांक्षा के हमारे साझा मूल्यों पर आधारित संबंध तलाशेगी। वह एक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए प्रयास करेगी। हम उस महत्वाकांक्षा को साझा करते हैं, लेकिन वैश्विक सुरक्षा, जलवायु सुरक्षा, आर्थिक सुरक्षा के लिए एक नई रणनीतिक साझेदारी भी करेंगे।’’

पिछले सप्ताह प्रचार अभियान के दौरान उत्तरी लंदन के किंग्सबरी में श्री स्वामीनारायण मंदिर की यात्रा के दौरान, उन्होंने ब्रिटिश हिंदुओं के लिए अपने संदेश में कहा था कि ‘‘ब्रिटेन में हिंदुओं के प्रति नफरत के लिए बिल्कुल कोई जगह नहीं है’’। यह एक संदेश है जिसे वह पिछले कुछ वर्षों से दिवाली और होली के उत्सवों के दौरान दोहराते रहे हैं, जिसमें लेबर पार्टी को विपक्ष में 14 वर्षों के बाद शासन करने के लिए तैयार बताया जाता रहा है।

राजनीति में आने से पहले स्टार्मर एक लंबा अरसा विधिक पेशे में बिता चुके हैं। उन्हें सबसे पहले 2015 में लंदन से लेबर पार्टी का संसद सदस्य चुना गया था। स्टार्मर और उनकी पत्नी ने अपने दो किशोर बच्चों को राजनीतिक चमक-दमक से दूर ही रखा है। उनकी पत्नी राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) में काम करती हैं। स्टार्मर ने अपने भाषण में कहा कि उन्होंने जिस बदलाव का वादा किया था, वह जल्द ही शुरू होगा।

लंदन में एक औजार निर्माता पिता और एनएचएस में सेवारत नर्स माता के घर में जन्मे स्टार्मर का अधिकतर जीवन सरे के ऑक्स्टेड कस्बे में बीता। वह भाषण में अपनी मां को लेकर भी भावुक दिखे जो 2015 में उनके पहली बार सांसद बनने से कुछ सप्ताह पहले दुनिया छोड़कर चली गई थीं। स्टार्मर भी निवर्तमान प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की तरह ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से पढ़े हैं।

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TAGS: Human rights advocate Keir Starmer, Britain PM Keir Starmer, Rishi Sunak, UK election, Labor Party, India US ties
OUTLOOK 05 July, 2024
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