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07 October 2021

मलेरिया की पहली वैक्सीन को मिली डब्ल्यूएचओ की मंजूरी, अफ्रीकी देशों से होगी शुरुआत, जानें भारत की स्थिती

एपी फोटो

दुनिया में अलेरिया के पहले टीके RTS,S/AS01 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मंजूरी दे दी है। इसकी शुरुआत मलेरिया से सबसे ज्यादा पीड़ित अफ्रीकी देशों से होगी। इसके बाद डब्ल्यूएचओ पूरा ध्यान दुनियाभर में मलेरिया वैक्सीन बनाने के लिए फंडिंग के इंतजामों पर होगा, जिससे यह वैक्सीन हर जरूरतमंद देश तक पहुंच सके।

इसके बाद संबंधित देशों की सरकारें तय करेंगी कि वे मलेरिया को कंट्रोल करने के उपायों में वैक्सीन को शामिल करती हैं या नहीं। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि मलेरिया से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों के लिए यह टीका एक बड़ी उम्मीद लेकर आया है।

मलेरिया का सबसे ज्यादा खतरा 5 साल तक के बच्चों को रहता है। हर दो मिनट में एक बच्चे की इस बीमारी से मौत होती है। 2019 में दुनियाभर में मलेरिया से 4.09 लाख मौतें हुई थी। इसमें 67% ऐसे बच्चे थे, जिनकी उम्र 5 साल से कम थी।

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भारत में मलेरिया के 3 लाख से ज्यादा मामले

भारत में 2019 में मलेरिया के 3 लाख 38 हजार 494 मामले आए थे और 77 लोगों की मौत हुई थी। पिछले 5 वर्षों में 2015 के दौरान भारत में मलेरिया से सबसे अधिक 387 मौतें हुई थीं। इसके बाद मृतकों की संख्या लगातार कम हुई है।

डब्ल्यूएचओ के अनुसार मलेरिया के कारण हर साल दुनियाभर में 4.09 लाख लोगों की मौतें होती है। इसमें अधिक्तर संख्या अफ्रीकी देशों के बच्चों की होती है। दुनियाभर में इस बीमारी से जितनी भी मौतें होती हैं, उनमें से आधी मौतें 6 उप-सहारा अफ्रीकी देशों में होती हैं।

 

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TAGS: मलेरिया का टीका, डब्ल्यूएचओ, अफ्रीकी देश, भारत में मलेरिया, Malaria vaccine, WHO, African country, Malaria in India
OUTLOOK 07 October, 2021
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