सहारा समूह की ओर से कई बार संपत्ति बेचकर निवेशकों को रकम चुकाने की समय सीमा खत्म होने को देखते हुए उच्चतम न्यायालय ने यह फैसला दिया है।
उच्चतम न्यायालय ने सेबी से कहा कि सहारा की संपत्तियों के लिये यदि संबंधित क्षेत्र की सर्किल दर के 90 प्रतिशत से कम की बोली मिलती है तो उसकी बिक्री नहीं की जाए। मामले की अगली सुनवाई 27 अप्रैल को होगी।
लाखों निवेशकों के करोडों रुपये चुकाने में नाकाम सहारा प्रमुख रॉय मार्च 2014 से जेल में हैं। पिछले साल जून में शीर्ष अदालत ने कहा था कि समूह को रकम अदायगी के लिए 360 अरब रुपये की दरकार होगी। अदालत ने यह भी कहा था कि समूह ने अवैध बॉण्ड के जरिये निवेशकों को फंसाया है।