डाक मतपत्र से मतदान के वायरल वीडियो की कलेक्टर ने कराई जाँच
आधिकारिक जानकारी के अनुसार इस संबंध में रिटर्निंग अधिकारी द्वारा प्रस्तुत तथ्यात्मक प्रतिवेदन में पाया गया कि डाक मतपत्र से मतदान की प्रक्रिया विधि सम्मत और नियमों के अनुसार हुई है।
प्रक्रिया में नियमों का उल्लंघन होना नहीं पाया गया।
विस्तृत जांच में अनुविभागीय अधिकारी सागर, राहतगढ़ अनुविभागीय अधिकारी तथा सुरखी विधानसभा उपचुनाव के रिटर्निंग अधिकारी द्वारा सर्व संबंधितों के कथन लिए गए तथा पूरी प्रक्रिया की जांच कराई गयी।
इस संबंध में मतदाता घासीराम के सहयोगी धर्मेन्द्र पटेल द्वारा अपने कथन में बताया गया है कि वे ग्राम रीछई का निवासी है।
उसके दादा घासीराम कुर्मी है, जिनका वह नाती है।
उसके दादा की उम्र 80 वर्ष से ज्यादा है।
दादा को कम सुनाई देता है, इसलिये उसने सहयोग करके मतदान कराया।
उसके द्वारा कोई गलत कार्य नहीं किया गया है।
उपरोक्त कथनों एवं पंचनामा से यह स्पष्ट है कि मतदाता घासीराम अत्याधिक वृद्ध होने के कारण उनके साथी के रूप में पीठासीन अधिकारी द्वारा घोषणापत्र भरवाकर धर्मेन्द्र पटेल को अधिकृत किया गया था।
धर्मेन्द्र पटेल द्वारा इसी आधार पर बुजुर्ग मतदाता घासीराम का मतदान कराया है।
निर्वाचनों के संचालन नियम 1961 के नियम 40 के प्रावधानों के तहत साथी का घोषणापत्र भरवाकर मतदान कराया गया है, जो विधि सम्मत है।
किसी भी नियम का उल्लघंन नहीं किया गया है।
वीडियो किसके द्वारा बनाया गया है एवं किस उद्देश्य से वायरल किया गया है यह स्पष्ट नहीं है।
वीडियो में शिथिलांग मतदाता, उसका साथी, मतदान के लिए नियुक्त शासकीय सेवक के अलावा अन्य कोई दृष्टिगोचर नहीं हो रहे हैं।
सं बघेल
वार्ता