प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन मामले की जांच के तहत पश्चिम बंगाल के निलंबित तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता शाहजहां शेख, उसके भाई और दो कथित सहयोगियों के खिलाफ अपना पहला आरोपपत्र दाखिल किया है। यह जानकारी जांच एजेंसी ने बृहस्पतिवार को दी।
अभियोजन पक्ष की शिकायत में नामजद अन्य लोगों में एसके आलमगीर (शाहजहां के भाई) के अलावा शिब प्रसाद हाजरा और दीदार बोक्श मोल्ला शामिल हैं। कोलकाता में धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालत के समक्ष आरोप पत्र दाखिल किया गया है। सीबीआई ने भी इस सप्ताह शेख और कुछ अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।
ईडी ने एक बयान में आरोप लगाया कि शेख ने "भूमि हड़पने, अवैध मछली पालन/व्यापार, ईंट बनाने वाले स्थानों पर कब्जा करने, ठेकों के लिए गुटबाजी, अवैध करों/लेवी की वसूली, भूमि सौदों में कमीशन आदि के इर्द-गिर्द घूमता एक आपराधिक साम्राज्य बनाया था।"
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एजेंसी इस मामले में पूरक आरोप पत्र दाखिल कर सकती है। शाहजहां शेख, उसके भाई और दो अन्य सहायकों को ईडी ने इस मामले में गिरफ्तार किया था। फिलहाल ये लोग न्यायिक हिरासत में जेल में हैं। पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के राशन वितरण से जुड़े कथित घोटाले के सिलसिले में शेख के घर पर पांच जनवरी को छापा मारने गई ईडी की टीम पर 1,000 लोगों की भीड़ ने हमला कर दिया था। इस मामले में ईडी ने 30 मार्च को शेख को गिरफ्तार किया था।
शेख और उसके साथियों के खिलाफ धन शोधन की ताजा जांच पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा उनके खिलाफ धमकी देने, हत्या, हत्या का प्रयास, जबरन वसूली, जमीन हड़पने आदि के आरोपों में दर्ज की गई कई प्राथमिकियों से संबंधित है।
ईडी ने कहा कि उसने मामले में स्थानीय किसानों, आदिवासियों, मछली व्यापारियों, एजेंटों, निर्यातकों, भूस्वामियों और ठेकेदारों सहित विभिन्न व्यक्तियों के बयान दर्ज किए हैं और शेख और आलमगीर की तीन एसयूवी भी जब्त की हैं। ईडी के अनुसार, इस धन शोधन मामले में "अपराध से अर्जित कुल आय" 288.20 करोड़ रुपये आंकी गई है।