पूर्वोत्तर राज्यों में जहां भाजपा की पकड़ मजबूत हो रही है। वहीं मेघालय में कांग्रेस बड़ी पार्टी के तौर पर उभरने में तो कामयाब रही लेकिन बहुमत हासिल नहीं कर पाई। इस दौरान कई दिग्गज जीते और कई दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा। आइए जानते हैं मेघालय में किस दिग्गज को मिली सफलता और कौन हुए नाकाम-
-मेघायल के मुख्यमंत्री रहे मुकुल संगमा ने दो विधानसभा सीटों पर अपनी किस्मत आजमाई थी और दोनों ही सीटों पर उन्हें सफलता मिली है। संगमा को अंपाती विधानसभा सीट पर कुल 16721 वोट हासिल हुए हैं। जबकि, सोंगसक सीट पर संगमा को कुल 10274 वोट मिले हैं।
- संगमा मंत्रीमंडल में सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रहीं अंप्रीन लिंगदोह को कामयाबी मिली है। उन्होंने 10368 वोटों के साथ पूर्व शिलांग विधानसभा सीट पर जीत हासिल कर ली है। उन्होंने भाजपा के नील एंटोनियो वार को मात दी है।
- युनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी से नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री रहे दोंकूपर रॉय ने जीत दर्ज की है। उन्होंने शैला विधानसभा सीट पर 8280 मतों के कामयाबी पाई है।
- पूर्व केंद्रीय मंत्री और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) की अगाथा के. संगमा को जीत मिली है। अगाथा ने भाजपा के बी.ए संगमा को साउथ तुरा विधानसभा सीट पर 1603 वोटों से मात दी है। अगाथा को कुल 6499 वोट मिले हैं।
-मुकुल संगमा मंत्रीमंडल में गृहमंत्री होरजू दोंकुपर रॉय लिंगदोह को सोहिआंग विधानसभा सीट पर हार झेलनी पड़ी है। दोंकुपर को हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के समलिन ने 622 मतों से मात दी है।
-हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रमुख अर्डेट मिलर बासैयामोइत को मात मिली है। उन्हें एक निर्दलीय उम्मीदवार लंबर मलगियांग ने बेहद कम अंतर से हरा दिया है। लंबर मलगियांग ने महज 76 वोटों से हराया है। अर्डेट मिलर ने बासैयामोइत नॉन्ग्क्रेम से विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था।