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ताजिकिस्तान में वायुसेना अड्डा छोड़ना भारत की सामरिक कूटनीति के लिए झटका: कांग्रेस

कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि भारत द्वारा ताजिकिस्तान के आयनी वायु सैन्य अड्डे पर अपना अभियान समाप्त...
ताजिकिस्तान में वायुसेना अड्डा छोड़ना भारत की सामरिक कूटनीति के लिए झटका: कांग्रेस

कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि भारत द्वारा ताजिकिस्तान के आयनी वायु सैन्य अड्डे पर अपना अभियान समाप्त करना देश की सामरिक कूटनीति के लिए "एक और झटका" है।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने 'एक्स' पर लिखा, "भारत ने 2000 के दशक की शुरुआत में ताजिकिस्तान में अपना आयनी वायुसेना अड्डा स्थापित किया था। इसके बाद वहां बुनियादी ढांचे का विस्तार किया गया। इसके असाधारण स्थान को देखते हुए भारत के पास आयनी में अपनी उपस्थिति का विस्तार करने की प्रमुख योजनाएं थीं।" उन्होंने कहा कि चार साल पहले भारत को साफ संदेश दे दिया गया था कि उसे धीरे-धीरे हटना होगा।

रमेश ने दावा किया, ‘अब ऐसा प्रतीत होता है कि भारत ने अंततः उस अड्डे को बंद कर दिया है। निःसंदेह यह हमारी सामरिक कूटनीति के लिए एक और झटका है।’ उन्होंने कहा, ‘संयोग से, आयनी राजधानी दुशांबे से लगभग 10 किमी दूर है जहां एक अद्भुत संग्रहालय है। वहां की सबसे आकर्षक और उल्लेखनीय प्रदर्शनियों में से एक निर्वाण बुद्ध है, जो 1500 वर्ष से अधिक पुराना माना जाता है।’

द्विपक्षीय समझौते के समाप्त होने के बाद भारत ने ताजिकिस्तान के आयनी में एक रणनीतिक हवाई अड्डे पर अपना अभियान समाप्त कर दिया है। इस घटनाक्रम से अवगत अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हवाई अड्डा के विकास और संयुक्त संचालन से संबंधित भारत और ताजिकिस्तान की सरकारों के बीच का समझौता लगभग चार साल पहले समाप्त हो गया था।

 

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