राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कहा कि लोकतंत्र में विचारधारा की लड़ाई होती है और विपक्ष का भी पूरा सम्मान होना चाहिए क्योंकि बिना विपक्ष के पक्ष कुछ नहीं होता। उन्होंने कहा कि हमारा इतिहास कहता है कि अगर हम सब साथ चलेंगे तो यह देश एक रहेगा।
गहलोत राजसमंद जिले के नाथद्वारा कस्बे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में विभिन्न परियोजनाओं के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे।
गहलोत ने मोदी के एक वक्तव्य का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘एक बार मॉब लिंचिंग (की घटना) हुई, मोदी जी का वक्तव्य आया कि ये (घटना में शामिल) लोग असामाजिक तत्व हैं। …वही भावना हम सबकी होनी चाहिए, देश एक रहे अखंड रहे … इसके लिए (पूर्व प्रधानमंत्री) इंदिरा गांधी शहीद हो गईं लेकिन खालिस्तान नहीं बनने दिया। राजीव गांधी शहीद हो गए।’’
गहलोत ने कहा, ”हमारा इतिहास कहता है कि अगर हम सब साथ चलेंगे तो यह देश एक रहेगा और अखंड रहेगा। विश्व गुरु बनने की बात होती है, अभी बन भी जांएगे। इस प्रकार की भावना के साथ हम सबको चलना चाहिए। मेरा मानना है कि किसी राज्य में तनाव या हिंसा कोई काम की नहीं है, हिंसा विकास को रोकती है, चाहे परिवार की हो, गांव की हो, प्रदेश की हो या देश की हो।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं उम्मीद करता हूं कि आपका (मोदी का) जो संदेश है, वह हमेशा देश को एक रखे, बांधकर रखे। पक्ष हो या विपक्ष हो, बिना विपक्ष के पक्ष क्या होता है। विपक्ष का भी सम्मान पूरा होना चाहिए। और मैं समझता हूं कि इस दिशा में आप खुद भी आगे बढ़ेंगे तो और मजबूती के साथ पक्ष विपक्ष मिलकर देश की सेवा करेंगे।’’
मंच पर राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी और अन्य अतिथि मौजूद थे।
गहलोत जब कार्यक्रम को संबोधित करने के लिए खड़े हुए तो लोग ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगाने लगे। प्रधानमंत्री मोदी ने हाथ के इशारे से लोगों को बैठने को कहा ताकि गहलोत अपनी बात रख सकें। मोदी ने मंच पर मौजूद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी से भी लोगों को शांत करवाने को कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह लोकतंत्र की खासियत है कि आज यहां एक मंच पर सब बैठे हैं, कांग्रेस, भाजपा कोई भी हो। ऐसे मौके बहुत कम आते हैं। लोकतंत्र में आपस में दुश्मनी तो होती नहीं, विचारधारा की लड़ाई होती है। सबको अधिकार है अपनी बात रखने का और मैं समझता हूं कि वह परंपरा देश में इस रूप में हो कि सभी जाति एवं धर्म के बीच प्रेम, भाईचारा हो।’’
गहलोत ने अपने संबोधन में डूंगरपुर-रतलाम वाया बांसवाड़ा रेल लाइन, करौली-सरमथुरा रेल लाइन, पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने सहित राज्य की अनेक लंबित परियोजनाओं की ओर मोदी का ध्यान खींचा। उन्होंने मोदी से ‘स्वास्थ्य के अधिकार’ और ‘सामाजिक सुरक्षा का अधिकार’ पर कानून बनाने की भी मांग की।
राजस्थान पूर्वी नहर परियोजना (ईआरसीपी) का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा, ‘‘मैं चाहूंगा, इसकी आप जांच करवायें और केन्द्र सरकार इसमें मध्यस्थता करे.. कोई दिक्कत आ रही हो तो मध्यप्रदेश के साथ बात करें.. 13 जिलों की योजना है.. आपने दो बार जिक्र किया था पिछले चुनाव में.. जयपुर और अजमेर में.. मैं चाहूंगा कि उसी भावना के साथ आप इसको आगे बढायें।’’