क्या दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के विजय रथ पर ब्रेक लग जाएगा। अगर एग्जिट पोल पर भरोसा करें तो दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनती दिख रही है।
प्रतिक्रिया लेने के लिए पत्रकार उनके पास पहुंचे तो साक्षी ने पत्रकारों को ही धमका डाला और उन्हें सुधर जाने की धमकी दी। साक्षी महाराज ने मीडिया वालों से पीछा छुड़ाने के लिए पुलिस को बुला लिया। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर साक्षी महाराज ने रिपोर्टरों से कहा कि कारण बताओ नोटिस की उन्हें कोई जानकारी नहीं है
बीते बारह सालों में भारतीय राजनीति में बड़ा उतार-चढ़ाव रहा है। साल 2002 की अगर बात करें तो केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार थी और अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे।
उस कदर प्यार से ऐ जाने जहां रखा है
दिल के रुखसार पे इस वक्त तेरी याद ने हाथ
अक्सर हमारी तनहाइयों में लरजां रहे उनकी आवाज के साये, गो हम कभी इकबाल बानो का दीदार नहीं कर सके और वह चली गई। हालांकि हमारे और इस उपमहाद्वीप के दिल की गहराईयों में वह हमेशा सुलगती रहेंगी। उफक पर चमकती हुई।
सच पूछो तो बानो के सामने, पुरानी कहावत के मुताबिक, हम कभी जनमे ही नहीं क्योंकि हमने उनका लाहौर कभी नहीं वेख्या, हालांकि वह हमारी दिल्ली से ही वहां जा बसी थीं। पर आधुनिक टेक्नोलॉजी का कमाल कहिए कि इकबाल बानो की दमदार आवाज ने इस पार के करोड़ों लोगों की तरह हमारी रगों में भी एक अजीब वक्त की बेडिय़ों में जकड़े लाहौर की जुंबिश धडक़ाई थी:
जब जुल्मों सितम के कोहे गरां
रूई की तरह उड़ जाएंगे
हम महकुमूं के पांव तले
ये धरती धड़-धड़ धडक़ेगी
और अहले हुकुम के सर ऊपर
जब बिजली कड़-कड़ कडक़ेगी
हम देखेंगे