कर्नाटक के आइएएस अधिकारी डीके रवि की मौत की सीबीआइ से जांच कराने की मांग आज संसद के दोनों सदनों में उठने पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से ऐसा कहे जाने पर केंद्र तुरंत इसका आदेश देगा।
आइएएस अधिकारी डी. के. रवि के पिता ने बुधवार को कहा कि उन्हें अपने बेटे की मौत में गहरी साजिश का अंदेशा है। उन्होंने कहा, ‘लगता है कि वह बिल्डरों के दबाव में जी रहा था।’
कॉरपारेट जासूसी का मामला रहस्यमयी होता जा रहा है। दिल्ली पुलिस और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच अलग-अलग चल रही है और दोनों ही मामलों में कोई नतीजा सामने नहीं आ रहा है। संसद में मचे हंगामे के बाद सरकार का बयान भी आया कि अभी कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है। इससे जाहिर है कि सरकार और जांच एजेसियों में तालमेल सही नहीं हो पाने के कारण किसी नतीजे पर पहुंच पाना मुश्किल दिख रहा है।
नगालैंड में बलात्कार के आरोपी की हत्या वाले मामले में दिमापुर के डीसी और एसपी को संस्पेंड कर दिया गया है और मामले की न्यायिक जांच शुरू हो गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से मामले की जानकारी मांगी है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि जांच पूरी होने पर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस बीच मुस्लिम संगठनों ने पुलिस के मूकदर्शक बने रहने पर सवाल उठाया है।
गुजरात दंगों में पीडितों की आवाज उठाने वाली ऐक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड को परेशान करने की प्रक्रिया जारी है। अब एक और मामले में तीस्ता को घेरने की कोशिश की जा रही है। गुजरात की भारतीय जनता पार्टी सरकार तीस्ता की धुर विरोधी रही है। तीस्ता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भी कट्टर आलोचक रही हैं। यही वजह है कि उन्हें एक के बाद दूसरे मामले में फंसाया जा रहा है।
सलमान खान पर अदालत में दो मामले चल रहे हैं। फैसला किसी भी क्षण हो सकता है। यदि उन्हें सजा हुई तो कई निर्माता-निर्देशक मुसीबत में आ जाएंगे, पहली बार शायद होगा कि ईद पर उनकी कोई फिल्म प्रदर्शित नहीं होगी। फिल्मों की शूटिंग अटकने से करोड़ों रुपयों का नुकसान होगा
काला रंग पार्टी के लिए सबसे अहम रंग माना जाता रहा है। लेकिन अब यह बीती बात हो गई है। फैशन डिजाइनरों की मानें तो ‘नए काले’ के रूप में अब सफेद उभर रहा है।
लोकसभा चुनाव के दौरान जमकर काले धन का मुद्दा उठाने वाली भारतीय जनता पार्टी भले ही चुनाव के बाद एक पैसे का काला धन वापस लाने में कामयाब न हुई हो मगर माना जा रहा है कि देश और विदेश में जमा किए गए काले धन की समस्या से निबटन के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा की गई कुछ सिफारिशों के आधार पर बजट में नीतिगत उपायों की घोषणा कर सकते हैं।
सरकारी गलियारों में दूर तक पसरे हुए कॉर्पोरेट जगत के पंजे सार्वजनिक नीतियों को अपने स्वार्थ के लिए कैसे मोड़ते हैं, इसका पर्दाफाश नीरा राडिया टेप कांड ने कुछ वर्ष पहले किया था। सत्ता के गलियारों में वैसी ही कॉर्पोरेट घुसपैठ पर से वैसा ही पर्दा अब मंत्रालय जासूसी कांड उठा रहा है। प्याज के छिलकों की तरह इसकी परतें प्रतिदिन और खुलती जा रही हैं। लेकिन सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि इन परतों के नीचे छोटी-छोटी कठपुतलियां नचाने वाले बड़े-बड़े असली चेहरे सामने आते हैं या नहीं। और सामने आ भी जाएं तो उनके किए की कानूनी जवाबदेही ठहराई जाती है या नहीं।