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Search Result : "फिल्म समीक्षा"

समीक्षा – की एंड का

समीक्षा – की एंड का

निर्देशक आर बाल्की की नई फिल्म की एंड का देख कर यह तो समझ में आता है कि आर. बाल्की दूर तक सोचते हैं और बहुत गहरा सोचते हैं।
कैट की प्रेरणा हैं इंदिरा गांधी और सेरेना विलियम्स

कैट की प्रेरणा हैं इंदिरा गांधी और सेरेना विलियम्स

अभिनेत्री कैटरीना कैफ भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और मशहूर टेनिस खिलाड़ी सेरेना विलियम्स को अपने लिए प्रेरणा मानती हैं।
राष्ट्रीय पुरस्कार में ‘पीकू’ ने दम लगाया हाईशा

राष्ट्रीय पुरस्कार में ‘पीकू’ ने दम लगाया हाईशा

इस बार के राष्ट्रीय पुरस्कारों में अलग हट कर बनी फिल्मों ने बाजी मारी है। दम लगा के हाईशा, पीकू और तनु वेड्स मनु रिटर्न्स का पुरस्कारों की सूची में तीन महत्वपूर्ण स्थान लेना दिखाता है कि ‘ऑफ बीट’ सिनेमा का दम अब तक बरकरार है।
टोइफा 2016 शुरू, तकनीकी श्रेणियों में बाजीराव मस्तानी का जलवा

टोइफा 2016 शुरू, तकनीकी श्रेणियों में बाजीराव मस्तानी का जलवा

संजय लीला भंसाली के निर्देशन में बनी फिल्म बाजीराव मस्तानी ने टाइम्स ऑफ इंडिया फिल्म अवार्ड्स के दूसरे सत्र के दुबई में शुरू होने पर सर्वश्रेष्ठ कॉस्ट्यूम डिजाइन समेत तकनीकी श्रेणियों में सर्वाधिक पुरस्कारों पर कब्जा किया।
वोट बैंकों का एनपीए

वोट बैंकों का एनपीए

आधुनिक लाइफस्टाइल में देश के हर छोटे-बड़े परिवार में बुजुर्गों को एनपीए समझा जाने लगा है
फिल्में पास कराने के लिए निर्देशकों ने की थी रिश्वत की पेशकश: निहलानी

फिल्में पास कराने के लिए निर्देशकों ने की थी रिश्वत की पेशकश: निहलानी

सेंसर बोर्ड के प्रमुख पहलाज निहलानी ने दावा किया कि ऐसी कई घटनाएं हुई हैं जब निर्देशकों ने अपनी फिल्म में कुछ सीन रहने देने के लिए उन्हें रिश्वत देने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि कुछ लोग रिश्वत देकर अपने काम को वैसा ही बनाए रखना चाहते हैं।
समीक्षा - हड़बड़ाई सी ‘जबान’

समीक्षा - हड़बड़ाई सी ‘जबान’

पटकथा लेखक और निर्देशक मोजेज सिंह की फिल्म जबान कहीं लड़खड़ाती है तो कहीं एक धुन में पूरा गीत गा लेती है। जबान की खासियत इसकी कहानी हो सकती थी, जो कि हो न सकी।
समीक्षा - ये ‘गंगाजल’ प्रकाश झा का है

समीक्षा - ये ‘गंगाजल’ प्रकाश झा का है

अपनी पुरानी फिल्म को झाड़-पोंछ कर दर्शकों के लिए फिर नया और देखने लायक कैसे बनाया जाता है यह तो प्रकाश झा से सीखा ही जाना चाहिए। शायद यही कारण है कि अपनी सफल फिल्म गंगाजल को झा ने जय गंगाजल नाम से फिर बना दिया।
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