केरल के कोट्टायम में ताझाथानगेडी में अपनी वास्तुकला और काष्ठ कला के लिए प्रसिद्ध एक हजार साल पुरानी मस्जिद ने मुस्लिम महिलाओं के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं।
भारत में आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या जनवरी से मार्च 2016 की अवधि के दौरान 25.08 लाख थी जो 2015 की इसी अवधि की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक है। जनवरी से मार्च 2015 के दौरान देश में 22.81 लाख विदेशी पर्यटक आए थे।
गुजरात और देश के अन्य हिस्सों में हुई हिंसा के मुद्दे पर भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने सीधे नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि यह घटनाएं दिखाती हैं कि देश अस्थिर प्रशासन से जूझ रहा है जबकि प्रधानमंत्री शांति के शुभंकर बनकर दुनिया भर में घूम रहे हैं।
भारतीय नेता हों या अभिनेता, व्यापारी हों या खिलाड़ी, समय के साथ नए-नए रूप दिखाते हैं। रंगमंच पर ही नहीं, जीवन में भी मुखौटा लगाकर पाप-पुण्य करना चाहते हैं। तभी तो पनामा में काले धन के खातों का पर्दाफाश होने के बावजूद किसी ने यह नहीं माना कि उससे कोई गलती हुई है। पर्दे के शहंशाह अमिताभ बच्चन ने जानकर अनजान बनते हुए इतना माना कि किसी ने उनके नाम का दुरुपयोग किया होगा। दूसरी तरफ पनामा पेपर्स आने के बाद आइसलैंड के प्रधानमंत्री ने नैतिक अपराध स्वीकार कर पद से इस्तीफा दे दिया।
इशरत जहां मुठभेड़ मामले में जमानत मिलने के बाद नौ साल बाद पूर्व डीआईजी डीजी वंजारा गुजरात लौटे हैं। इशरत जहां के अलावा उनपर और भी कई फर्जी एनकाउंटर्स के आरोप थे।
महाराष्ट्र के अहमदनगर स्थित शनि शिंगणापुर मंदिर में 400 साल पुरानी परंपरा टूट गई। यहां महिलाओं को भी पूजन करने की इजाजत आज ट्रस्ट ने दे दी। महिलाओं को इस पूजन का अधिकार दिए जाने की लड़ाई लड़ रहीं तृप्ति देसाई आज इस सफलता से बहुत खुश हैं।
सीबीआई की विशेष अदालत ने उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में 25 साल पहले हुई फर्जी मुठभेड़ में दस सिख तीर्थयात्रियों की हत्या के लिए आज 47 पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने गुजरात के विवादित और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी डी जी वंजारा को शनिवार को गुजरात लौटने की अनुमति दे दी। वंजारा पर गुजरात के पुलिस अधिकारी रहते हुए इशरत जहां और शोहराबुद्दीन शेख को फर्जी मुठभेड़ में मार गिराने का आरोप था। अदालत ने उनकी जमानत शर्त को संशोधित करते हुए यह फैसला दिया जिस कारण वंजारा पिछले एक साल से मुंबई में थे।
उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार चुनावी मोड में है। अपने चार साल के कार्यकाल को प्रदेश के लिए सर्वोत्तम बताते हुए मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि उन्होंने सारे वायदे पूरे किए हैं, अब जनता को चाहिए कि उन्हें रिटर्न गिफ्ट के रूप में 2017 में फिर से सत्ता सौंपे। उनका दावा है कि वह प्रदेश का छठा बजट भी पेश करेंगे। इसलिए उनके समर्थक अभी से नारे लगाने लगे हैं-पूरे हुए वायदे, अब हैं नए इरादे....कहो दिल से, अखिलेश फिर से....।