जेएनयू में वामपंथ को न मानने वालों के बीच एक ज़ुमला खासा मशहूर है कि देश भर के लेफ्टिस्टों को एक पिंजरे में बंद करने के लिए इंदिरा गाँधी ने जेएनयू बनाया। जेएनयू ही वो जगह है जहाँ (1969 से 2016 तक एक उदाहरण को छोड़कर जब 2001 में एबीवीपी के संदीप महापात्र कुछ वोटों से जीत गए थे) चुनाव दर चुनाव वामपंथ अपना किला सलामत रख सका है।
समाचार एजेंसी के मुताबिक, कोर्ट ने निजी स्कूलों से कहा है कि वो कैश, एफडी या ड्राफ्ट के रूप में ये पैसा जमा करा सकते हैं। बता दें कि 2006 से 2009 तक 32 महीने की फीस मनमाने ढंग से वसूली गई।
वित्त मंत्रालय के मुताबिक, कंपनी अधिनियम का उल्लंघन करने वाली कंपनियों के विरुद्ध ये कड़ी कार्रवाई की गई है। इस आदेश के बाद से 2,09,032 कंपनियों को धारा 248(5) के अंतर्गत कंपनियों के रजिस्टर से हटा दिया गया है।
उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण 10 प्रतिशत के करीब हैं, परन्तु परंपरागत कारणों से उनका सामाजिक एवं आर्थिक कद इससे बहुत ऊंचा है। वोटबैंक को साधने हेतु, पार्टी ने महेंद्र नाथ पाण्डेय को प्रदेश अध्यक्ष के पद पर आसीन किया है।
30 और 31 अगस्त के सरकारी आंकड़े आर्थिक मोर्चे पर सरकार के लिए कई सवाल लेकर आये हैं और यह सवाल नोटबंदी से जुड़े हैं जिन पर सरकार और रिजर्व बैंक को सफाई देनी चाहिए।
लंबे इंतजार के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नोटबंदी का पूरा हिसाब-किताब पेश किया। लेकिन इन आंकड़ों ने नोटबंदी के दावों पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं।