बेशक जदयू ने राष्ट्रपति के लिए एनडीए समर्थित उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देकर विपक्षी एकता को झटका दिया हो लेकिन उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के गोपालकृष्ण गांधी के नाम पर नीतिश ने राहुल की बात मान ली है। इस कदम को विपक्ष की कूटनीतिक जीत माना जा रहा है।
राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी एकता को मजबूत बनाए रखने में कुछ हद तक चूकी कांग्रेस अब फिर से विपक्षी दलों को एकजुट करने में लग गई है। अब विपक्षी दलों ने गोपालकृष्ण गांधी को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है।
उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित करने के लिए कांग्रेस ने आगामी 11 जुलाई को सभी विपक्षी दलों की मीटिंग बुलाई है। इस बात की जानकारी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने दी है।
उपराष्ट्रपति चुनाव में संसद के दोनों सदनों के 790 सांसद हिस्सा लेंगे। इसमें निर्वाचित व नॉमिनेटेड सदस्य शामिल हैं। हालाकि राज्यसभा की अभी दस सीटें खाली हैं लेकिन इनके चुनाव की घोषणा राष्ट्रपति चुनाव के बाद की जाएगी।
देश का अगला राष्ट्रपति कौन होगा ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन राष्ट्रपति चुनाव को लेकर नामांकन शुरु हो गया है। एक ओर जहां एनडीए और यूपीए दोनों अपना-अपना उम्मीदवार चुनने में लगी हुई हैं, तो वहीं दूसरी ओर 6 अन्य लोगों ने भी इस पद के लिए अपनी उम्मीदवारी पेश की है।
उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा कि एक खुले समाज के लिए स्वतंत्र मीडिया जरूरी है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र प्रेस पर कोई भी हमला नागरिकों के अधिकारों खतरे में डाल सकता है।
कहते हैं इतिहास खुद को दोहराता है। जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने पीएम मोदी के साथ हाथ न मिलाकर उन्हें एक फिर गच्चा दे दिया है। 2015 में भी मर्केल ने मोदी के साथ कुछ इसी अंदाज में हाथ नहीं मिलाया था।