पाकिस्तान के इस पूर्व कप्तान ने टेस्ट क्रिकेट को 2010 में और फिर साल 2015 में वल्र्ड कप के बाद एक दिवसीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। उन्होंने 2016 में भारत में हुए टी 20 विश्व कप में पाकिस्तानी टीम की अगुवाई की थी।
अफरीदी ने विश्व टी 20 के बाद टीम की कप्तानी छोड़ दी थी लेकिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने की मामूली उम्मीद के कारण उन्होंने संन्यास का फैसला नहीं किया था।
वर्ष 1996 में करियर की शुरूआत करने वाले 36 वर्षीय अफरीदी शुरूआत से ही क्रिकेट प्रशंसकों के दिलों में जगह बनाने में कामयाब रहे।
अफरीदी ने श्रीलंका के खिलाफ अपने दूसरे ही मैच में 37 गेंदों पर शतक जड़ दिया। प्रशंसकों के बीच बूम बूम अफरीदी के नाम से लोकप्रिय इस दिग्गज का यह रिकार्ड 17 साल तक कोई नहीं तोड़ पाया।
अपने करियर के दूसरे पड़ाव में गेंदबाजी आलराउंडर होने का तमगा हासिल करने वाले अफरीदी ने टी 20 में पाकिस्तानी की शुरूआती सफलता के मुख्य सूत्रधार रहे और उन्होंने 2009 टी-20 विश्व कप में टीम की खिताबी जीत में अहम भूमिका निभाई।
अफरीदी ने अपने करियर में केवल 27 टेस्ट मैच खेले। इसमें उन्होंने 1,176 रन बनाए जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 156 रहा। साथ ही उन्होंने 48 विकेट भी हासिल किए।
उन्होंने 398 एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेलते हुए 8,064 रन बनाए जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 124 रहा। एक दिवसीय क्रिकेट में अपनी लेग स्पिन गेंदबाजी से उन्होंने 395 विकेट चटकाए।
टी 20 क्रिकेट में उन्होंने 98 मैच खेल कर 1,405 रन बनाए और 97 विकेट हासिल किए। एएफपी