भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) ने कहा कि बिहार में 94.68 प्रतिशत मतदाताओं को राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत कवर किया गया है।
निर्वाचन आयोग ने एक बयान में कहा कि 78,969,844 मतदाताओं में से 90.12 प्रतिशत मतदाताओं से फार्म प्राप्त हुए हैं; 4.67 प्रतिशत अपने पते पर नहीं मिले हैं; 1.61 प्रतिशत की संभवतः मृत्यु हो चुकी है; 0.75 प्रतिशत का नाम एक से अधिक स्थानों पर दर्ज है; 2.3 प्रतिशत संभवतः स्थायी रूप से स्थानांतरित हो गए हैं; तथा 0.01 प्रतिशत का पता नहीं चल पा रहा है।
चुनाव निकाय ने यह भी कहा कि ईआरओ 1 अगस्त, 2025 को मतदाता सूची का मसौदा प्रकाशित करेंगे और मतदाता सूची के मसौदे में किसी भी प्रविष्टि को सही करने के लिए सुझाव और इनपुट आमंत्रित करेंगे।
विज्ञप्ति में कहा गया है, "एसआईआर के 24 जून, 2025 के आदेश (पृष्ठ 2, पैरा 7) के अनुसार, राजनीतिक दलों और जनता को किसी भी सुधार की आवश्यकता बताने या छूटे हुए नामों को शामिल करने का प्रस्ताव देने के लिए पूरा एक महीने का समय दिया जाएगा। इसके लिए, मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को मतदाता सूची के मसौदे की मुद्रित और डिजिटल प्रतियां निःशुल्क प्रदान की जाएंगी और जनता की पहुँच के लिए ईसीआई की वेबसाइट पर पोस्ट की जाएंगी। इसलिए, जनता आश्वस्त रह सकती है कि कोई भी पात्र मतदाता छूटेगा नहीं।"
बयान में आगे कहा गया है कि ऐसे मतदाताओं की सूची, जो संभवतः मृत हो चुके हैं, स्थायी रूप से स्थानांतरित हो चुके हैं, एक से अधिक स्थानों पर पंजीकृत हो चुके हैं या जिन्होंने बीएलओ के कई दौरों के बाद भी ईएफ वापस नहीं किया है, अब राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षों/उनके द्वारा नियुक्त 1.5 लाख बूथ स्तरीय एजेंटों (बीएलए) के साथ साझा की जा रही है, ताकि 25 जुलाई से पहले ऐसे प्रत्येक मतदाता की वास्तविक स्थिति का पता लगाया जा सके।
एसआईआर के आदेश के अनुसार, 1.5 लाख से अधिक बीएलए में से प्रत्येक, प्रमाणित होने के बाद, प्रतिदिन 50 फॉर्म तक जमा कर सकता है। यह कदम चुनाव आयोग की इस प्रतिबद्धता के अनुरूप है कि कोई भी पात्र मतदाता छूट न जाए।
अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर, 2025 को प्रकाशित की जाएगी। अंतिम मतदाता सूची की मुद्रित और डिजिटल प्रतियां सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को निःशुल्क दी जाएंगी और इन्हें चुनाव आयोग की वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाएगा।