सेंसरशिप का सबसे बुरा रूप स्व सेंसरशिप : तसलीमा नसरीन
न्होंने कहा दुनिया में हमारे हिस्से में अभिव्यक्ति की स्वंतत्रता को लेकर हमारी परेशानियां हैं। बहुत लोग वह नहीं बोलते हैं जो वे चाहते हैं। बांग्लादेश में कई लेखकों ने स्व सेंसर कर लिया है। अन्यथा उनकी हत्या कर दी जाएगी। लेकिन मेरे लिए यह सेंसरशिप का सबसे बुरा रूप है। उन्होंने कहा, यहां तक कि मैं जब अखबारों के लिए लिखती हूं तो संपादक छापने से पहले कई वाक्यों को काट देते हैं।
लेखिका के मुताबिक, अभिव्यक्ति की आजादी की पैरोकार होने से किसी न किसी की भावनाएं आहत होंगी ही चाहे जो भी लिखे। उन्होंने कहा, मुझे जो इस्लामिक कट्टपंथियों से जान से मारने की धमकियां मिलती हैं उससे मेरी भावनाओं को ठेस पहुंचती है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि उसके लिए मैं लोगों की हत्या करना शुरू कर दूं। इन सबका सामना करने के लिए मेरे अंदर कुव्वत है। बहरहाल कट्टरपंथी इतने कमजोर हैं कि वे उसे बर्दाशत नहीं कर पाते हैं जो मैं बोलती हूं।
स्थायी यूरोपीय नागरिक अमेरिकी निवासी होने के बावजूद डाॅक्टर से लेखिका बनी तसलीमा ने भारत के अलावा कहीं भी रहने से इनकार किया। लेखिका ने निर्वासन के वक्त के अपने संघर्ष को पुस्तक निर्भशन में कलमबद्ध किया है जिसका अब बंगला से अंग्रेजी में एक्साइल नाम से अनुवाद किया गया है। भाषा एजेंसी