कई मौकों पर कट्टपंथियों के गुस्से का सामना कर चुकीं जानी मानी बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन का मानना है कि सेंसरशिप का सबसे बुरा रूप स्व सेंसरशिप है। बांग्लादेश में लेखकों, अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं और नास्तिक ब्लाॅगरों के खिलाफ बढ़ते हमलों पर तसलीमा ने कहा कि घातक परिणामों से बचने के लिए अब कई लेखक स्व सेंसरशिप अपनाने को मजबूर हो गए हैं।
बॉलीवुड की कई फिल्मों को लेकर सेंसर बोर्ड से विवाद होने के बीच फिल्मकार महेश भट्ट ने कहा है कि निर्माता ऐसे दौर में पहुंच गए हैं जहां वे किसी समस्या से बचने के लिए विषयवस्तु की प्री सेंसरशिप कर रहे हैं।
सेंसर बोर्ड के प्रमुख पहलाज निहलानी ने दावा किया कि ऐसी कई घटनाएं हुई हैं जब निर्देशकों ने अपनी फिल्म में कुछ सीन रहने देने के लिए उन्हें रिश्वत देने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि कुछ लोग रिश्वत देकर अपने काम को वैसा ही बनाए रखना चाहते हैं।
अभिव्यक्ति की आजादी के लिए यह वर्ष नाटकीय रहा है। यह इंडियाज डॉटर पर सेंसरशिप से लेकर श्रेया सिंघल फैसले के उत्साह और फिर गुपचुप तरीके से इंटरनेट पर पोर्नोग्राफी को ब्लॉक करने की सरकारी कोशिश के बीच झूलता रहा। हालांकि हर घटना ने अलग-अलग नाराजगी पैदा की मगर सच यही है कि ये सभी जुड़ी हुई हैं। ये सभी अभिव्यक्ति की आजादी पर खतरे को दूर रखने वाले संवैधानिक सुरक्षा उपायों में मौजूद खामियों को बताने वाले चेतावनी संकेत हैं।