पिछले एक दशक में हुए चुनावों से पता चलता है कि उत्तर और दक्षिण के बीच सियासी दूरी बढ़ती जा रही है, मौजूदा आम चुनाव इस विभाजन की पुष्टि करते हैं
राजनैतिक पार्टियों और एनडीए तथा 'इंडिया' गठबंधनों के दावों के विपरीत इस बार लोकसभा चुनावों की जमीन अनिश्चित, सत्तारूढ़ और विपक्षी गठबंधन दोनों के लिए चुनाव में जीत सियासी वजूद बचाने का सवाल बना
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के सबसे बड़े और सबसे अहम चुनाव में सच के ऊपर झूठ का, असली के ऊपर नकली का साया मंडरा रहा, इस झूठ और फर्जीवाड़े को संभव बनाती है एआइ और डीपफेक की तेज विकसित होती तकनीक और कई टेक्नोलॉजी कंपनियां, क्या हैं खतरे
कोविड महामारी के बाद दर्शक थिएटरों में लौटे तो रोमांस, मारधाड़, ऐक्शन का मसाला और बड़े सितारों का जलवा लुभाने लगा, जवान, एनिमल, पठान और गदर 2 की कामयाबी क्या बताती है, क्या कंटेंट प्रधान फिल्मों का दौर फिर पिछड़ गया
राजनैतिक फंडिंग की मोदी सरकार की चुनावी बॉन्ड योजना को सुप्रीम कोर्ट ने सिरे से असंवैधानिक करार दिया, तो क्या तकरीबन छह साल से जारी योजना से राजनीति के रंगढंग में आए बदलावों को बदला जा सकेगा?, क्या चुनाव निष्पक्ष और परदर्शी हो पाएंगे?, क्या काले धन की पॉलिटिकल इकोनॉमी से मुक्ति मिल पाएगी?
देश के पिछड़े राज्यों में बदहाल शिक्षा तंत्र के मारे छात्र-छात्राओं की जरूरत को पूरा कर रहे हैं सेवारत और अवकाशप्राप्त सिपाही, दारोगा और अफसर
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नीतीश कुमार का एक बार फिर लालू प्रसाद की राजद को छोड़ जाना और वापस एनडीए में आना उनकी राजनीतिक सूझ-बूझ का परिचायक माना जाए या कुर्सी के लिए वैचारिक अवसरवाद का ऐतिहासिक प्रदर्शन?
2024 के लोकसभा चुनावों के पहले अयोध्या में भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का अनुष्ठान बना सियासी मसला