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निजता में दखलंदाजी की हद थी नोटबंदीः थरूर

कांग्रेस सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने नोटबंदी, जीएसटी, बीफ पर पाबंदी और सेंसरशिप को लेकर...
निजता में दखलंदाजी की हद थी नोटबंदीः थरूर

कांग्रेस सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने नोटबंदी, जीएसटी, बीफ पर पाबंदी और सेंसरशिप को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उनके अनुसार लोगों से यह कहना कि अपने ही बैंक खातों में रखे पैसे नहीं हासिल कर सकते, निजता में दखलंदाजी की हद थी। उन्होंने कहा,"नोटबंदी लोगों को यह बताने की कवायद थी कि वे कौन से नोट रख सकते हैं। सरकार का आपसे यह कहना कि आप अपने ही खाते में रखे पैसे हासिल नहीं कर सकते, यह लोगों की निजी पसंद में दखलंदाजी की हद थी।"

वे मुंबई में शुक्रवार शाम टाटा लिटरेचर लाइव के आठवें संस्करण में "वीआर लीविंग इन अ नैनी स्टेट" विषय पर आयोजित परिचर्चा के दौरान बोल रहे थे। जीएसटी लागू करने के तौर-तरीके को लेकर भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए थरूर ने कहा कि "एक देश, एक कर" एक महान विचार था। इसकी मंशा बहुत अच्छी थी। लेकिन व्यावहारिक तौर पर इस सरकार ने जो किया है, उससे लोगों को मदद नहीं मिलेगी।

उन्होंने कहा,"एक देश, एक कर की बजाय हमें तीन कर दिए गए हैं। इसके भीतर छह स्लैब हैं और साल में 37 फॉर्म भरने हैं। आपके ऊपर एक ऐसी सरकार बैठी है जो आपके हर मामले में दखल दे रही है।" उन्होंने बीफ पर पाबंदी की आलोचना करते हुए कहा कि इसने सिर्फ महाराष्ट्र में लाखों लोगों की रोजी-रोटी बर्बाद कर दी। थरूर ने मलयालम फिल्म "एस दुर्गा" और मराठी फिल्म "न्यूड" को गोवा में होने जा रहे भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के 48वें संस्करण से वापस लेने पर पैदा हुए विवाद का भी जिक्र करते हुए कहा, सेंसरशिप एक और उदाहरण है, जहां आपने हाल ही में देखा कि जूरी ने नहीं बल्कि सरकार ने दो फिल्में भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव से वापस ले ली।

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