गोवा में आगामी 20 से 28 नवंबर तक चलने वाले 48वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आइएफएफआइ) में मलयालम फिल्म 'एस दुर्गा' और मराठी फिल्म 'न्यूड' नहीं दिखाई जाएगी। इन दोनों ही फिल्मों के चयन के आइएफएफआइ ज्यूरी के फैसले को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने नामंजूर कर दिया है।
दोनों फिल्मों के निर्देशकों ‘एस दुर्गा’ के निर्देशक सनल कुमार शशिधरन और ‘न्यूड’ के निर्देशक रवि जाधव ने इस खबर की जानकारी देते हुए कहा कि इस फैसले से वह हैरान और हताश हैं। ये फिल्में पेनोरॉमा श्रेणी में दिखाई जानी थी।
'न्यूड' फिल्म से होनी थी फिल्म फेस्टिवल की शुरूआत
ज्यूरी के एक सदस्य ने मंत्रालय के फैसले पर हैरानी जताते हुए कहा, ज्यूरी के सुझाव अंतिम होते हैं और उनके साथ परामर्श के बगैर इन्हें बदला नहीं जा सकता, लेकिन मंत्रालय एक कदम आगे बढ़ गया और अपने स्तर पर ही दो फिल्मों को महोत्सव से हटा दिया। उन्होंने बताया कि ‘न्यूड’ तो इतनी अच्छी फिल्म है कि सुजॉय घोष की अध्यक्षता वाली पेनोरॉमा की 13 सदस्यीय समिति ने महोत्सव की शुरुआत इसके प्रदर्शन के साथ ही करने का सुझाव दिया था।
ज्यूरी के सदस्य ने ‘न्यूड’ को नारीवाद पर आधारित एक मजबूत फिल्म बताया जबकि ‘एस दुर्गा’ को महिलाओं की सुरक्षा का संदेश देने वाली फिल्म बताया। मलयाली फिल्म का असली नाम ‘सेक्सी दुर्गा’ है और इसने अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सवों में कई पुरस्कार भी जीते हैं।
‘एस दुर्गा’ के निर्देशक सनल कुमार शशिधरन ने बताया कि उन्हें मंत्रालय से इस बाबत कोई पत्र नहीं मिला है कि फिल्म ‘एस दुर्गा’ को महोत्सव में जगह क्यों नहीं दी जा रही। उन्होंने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई से कहा कि वह अदालत जाने के बारे में विचार कर रहे हैं।
वहीं, ‘न्यूड’ के निर्देशक रवि जाधव ने बताया कि यह जानने के लिए कि उनकी फिल्म को महोत्सव में शामिल क्यों नहीं किया गया, उन्होंने मंत्रालय को पत्र लिखा है। अब महोत्सव की शुरुआत विनोद कापड़ी की हिंदी फिल्म ‘पीहू’ के साथ होगी।